दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: जय श्री राम

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🚩🕉 जय श्री राम 🕉🚩
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राम नाम के साबुन से,
जो मन का मैल छुड़ाएगा।
निर्मल मन के दर्पण में वह,
राम का दर्शन पाएगा।

नर शरीर अनमोल रे प्राणी,
प्रभु कृपा से पाया है।
झूठे जग प्रपंच में पड़ कर,
क्यों प्रभु को बिसराया है।

समय हाथ से निकल गया,
तो……..
समय हाथ से निकल गया तो,
फिर धुन धुन पछताएगा।
निर्मल मन के दर्पण में वह,
राम का दर्शन पाएगा।

राम नाम के साबुन से,
जो मन का मैल छुड़ाएगा।
निर्मल मन के दर्पण में वह,
राम का दर्शन पाएगा।

झूठ कपट निंदा को त्यागो,
हर प्राणी से प्यार करो।
घर पर आए अतिथि कोई,
तो………
यथा शक्ति सत्कार करो।
क्यो…….
पता नहीं किस रुप में आकर.,
नारायण मिल जाएगा।

साधन तेरा कच्चा हैं,
जब तक प्रभु पर विश्वास नहीं।
मंजिल कर पाना है क्या ?
जब दीपक में प्रकाश नहीं।

निश्चय है तो भवसागर,
से………
निश्चय है तो भवसागर से,
बेड़ा पार हो जायेगा।
निर्मल मन के दर्पण में वह,
राम का दर्शन पाएगा।

राम नाम के साबुन से,
जो मन का मैल छुड़ाएगा।
निर्मल मन के दर्पण में वह,
राम का दर्शन पाएगा।

दौलत का अभिमान है झूठा,
यह तो आनी जानी है।
राजा रंक अनेक हुए ,
कितनों की सुनी कहानी है।

राम नाम प्रिय महामंत्र है,
ही…… ही……..
राम नाम प्रिय महामंत्र है,
साथ तुम्हारे जाएगा।

राम नाम के साबुन से,
जो तन का मैल छुड़ाएगा।
निर्मल मन के दर्पण में वह,
राम के दर्शन पाएगा।
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जय श्री राम जी की 👏
प्रस्तुतकर्ता:-दलीचंद जांगिड सातारा महाराष्ट्र
मो: 9421215933

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