लोकसभा चुनाव 2024: दो ब्राह्मणों के बीच शुरू हुआ सोनीपत लोकसभा सीट पर मुकाबला; होगी कांटे की टक्कर

सबसे पहले यह जान लें कि सतपाल ब्रह्मचारी का सोनीपत में क्या क्यों और कैसे समीकरण बनेंगे। सतपाल ब्रह्मचारी धर्मगुरु हैं, धर्मशालाओं और आश्रमों के माध्यम से सेवा और मदद करने के रुप में अपनी पहचान रखते हैं। हरिद्वार, पांडु पिंडारा और गांगोली मंदिर में जाने वाले सोनीपत और जींद के श्रद्धालुओं के लिए ब्रह्मचारी जाने पहचाने हैं, उनके चाहवान भी काफी संख्या में हैं।

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  • भाजपा के उम्मीदवार माेहन लाल बडौली बेदाग व्यक्तित्व
  • कांग्रेस के सतपाल ब्रह्मचारी कोई आपराधिक केस नहीं, पाक साफ छवि
  • इनेलो के उम्मीदवार गुरु द्रोणाचार्य अवार्डी पूर्व एसपी अनुप दहिया

सोनीपत, (अजीत कुमार): चुनावी महासमर में भाजपा के उम्मीदवार माेहन लाल बड़ौली के बाद अब कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवार को मैदान उतार दिया है। सोनीपत लोकसभा में दो ब्राह्मणों के मध्य मुकाबला होगा। हालांकि इनेलो ने भी अपना कंडीडेट जाट वोट को ध्यान रखते हुए खरखौदा के अनुप दहिया को टिकट दिया है। लेकिन अब मैदान में जंग तो भाजपा और कांग्रेस की रहेगी।

सबसे पहले यह जान लें कि सतपाल ब्रह्मचारी का सोनीपत में क्या क्यों और कैसे समीकरण बनेंगे। सतपाल ब्रह्मचारी धर्मगुरु हैं, धर्मशालाओं और आश्रमों के माध्यम से सेवा और मदद करने के रुप में अपनी पहचान रखते हैं। हरिद्वार, पांडु पिंडारा और गांगोली मंदिर में जाने वाले सोनीपत और जींद के श्रद्धालुओं के लिए ब्रह्मचारी जाने पहचाने हैं, उनके चाहवान भी काफी संख्या में हैं।

अब भाजपा के उम्मीदवार मोहनलाल बड़ाैली भी पाक साफ छवि के धर्म अध्यात्मक के प्रति समर्पित व्यक्तित्व हैं। अयोध्या में राम मंदिर के भावनात्मक मुद्दे के साथ चुनावी रण में अपने हित में माहौल करने में लगे हैं। उनके सामने हरिद्वार के श्री राधा कृष्ण धाम के परमाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी कांग्रेस के तरकस वो तीर है जो निशाना साधने में कारगर हो सकते हैं। सोनीपत क्षेत्र के ब्राह्मण वोट अब दोनों उम्मीदवारों में बंटेंगे। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के द्वारा जाट वोट ब्रह्मचारी के पक्ष जाने की संभावना प्रबल है। मोहनलाल बड़ौली सोनीपत के राई क्षेत्र से विधायक रहे हैं तो सतपाल ब्रह्मचारी संसदीय क्षेत्र के सफीदों से संबंधित है और ज्यादा धर्म स्थलों पर उनके प्रति सकारात्मक रवैया है।

सतपाल ब्रह्मचारी के आने से घडाें में बंटी कांग्रेस एक मंच पर दिखाई दे रही है। उनके समर्थन में हरिद्वार से कई दूसरे आश्रम के महंत और संत प्रचार करेंगे। वे मूलरूप से जींद के गांव गांगोली निवासी हैं। सफीदों विधानसभा और सोनीपत लोकसभा में आता है।

इनकी राजनीति के सफर के बारे में जान लेंते हैं। वर्ष 2003 में हरिद्वार नगरपालिका के अध्यक्ष चुने गए। 2012 में वह विधानसभा का चुनाव लड़े। वर्ष 2022 में हरिद्वार विधानसभा सीट पर भाजपा नेता मदन कौशिक के खिलाफ कांग्रेस से चुनाव लडे़ लेकिन हार गए थे। मार्च 2023 में हरिद्वार महानगर कांग्रेस के अध्यक्ष बने। उनके द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राधाकृष्ण ब्रह्मचारी के शिष्य हैं। किसी बैंक या संस्था का कोई कर्ज नहीं है। ब्रह्मचारी हैं, एक वाहन है। हरिद्वार में दो आश्रमों से जुड़े हुए हैं।

अब तीसरे उम्मीदवार इनेलो के खरखौदा के गांव सिसाना निवासी अनूप दहिया पर अपना विश्वास जताया है। अनूप दहिया पूर्व एसपी हैं। प्रेजिडेंट पुलिस पदक प्राप्त करने के साथ ही स्टेट स्पोर्ट्स अवार्ड भी मिल चुका है।

 

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