कामयाबी के कदम: सबसे कम उम्र के भारतीय मूल के पार्षद तुषार कुमार को हाउस ऑफ लॉर्ड्स में किया सम्मानित

तुषार के जीवन का सफर इस साल की शुरुआत में आरम्भ हुआ जब वह 20 साल की उम्र में स्थानीय मई चुनावों में निर्वाचित होकर सबसे कम उम्र के भारतीय मूल के पार्षद बने। समुदाय के प्रति प्रतिबद्धता के साथ अपनी पढ़ाई के साथ-साथ, तुषार विभिन्न मानवी सेवा गतिविधियों में सक्रिय रहे हैं।

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  • अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस पर 21 वर्षीय व्यक्ति के मानवीय सेवा के प्रयासों को मान्यता

लंदन: भारतीय मूल के 21 वर्षीय पार्षद और किंग्स कॉलेज लंदन में राजनीति बीएससी के छात्र तुषार कुमार को सोमवार, 20 नवंबर को हाउस ऑफ लॉर्ड्स में सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस के अवसर पर सकारात्मकता को समर्पित दिन है।

तुषार के जीवन का सफर इस साल की शुरुआत में आरम्भ हुआ जब वह 20 साल की उम्र में स्थानीय मई चुनावों में निर्वाचित होकर सबसे कम उम्र के भारतीय मूल के पार्षद बने। समुदाय के प्रति प्रतिबद्धता के साथ अपनी पढ़ाई के साथ-साथ, तुषार विभिन्न मानवी सेवा गतिविधियों में सक्रिय रहे हैं। उनकी भूमिका हिंदी शिक्षा परिषद यूके में हिंदी पढ़ाने से लेकर कार्यक्रम आयोजित करने और वरिष्ठ नागरिकों के कल्यानार्थ महत्वपूर्ण है।

Steps to success: Youngest Indian origin councilor Tushar Kumar honored in House of Lords
सबसे कम उम्र के भारतीय मूल के पार्षद तुषार कुमार को सम्मानित करते हुए।

सार्वजनिक सेवा और समुदाय के प्रति उनके समर्पण ने उन्हें प्रतिष्ठित सिविल सर्विस फास्ट स्ट्रीम कार्यक्रम में स्थान दिलाया है। अपनी उपलब्धियों के साथ तुषार यूनिवर्सिटी ऑफिसर्स ट्रेनिंग कोर (यूओटीसी) का भी हिस्सा हैं।

अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस पर, एक ऐसा दिन है जो पुरुषों की भलाई और समाज में योगदान के महत्व देता है, तुषार को हाउस ऑफ लॉर्ड्स में स्मृति चिन्ह, प्रमाण पत्र और पदक से सम्मानित किया गया। समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के उनके प्रयासों के दृष्टिगत लॉर्ड्स और संसद सदस्यों की उपस्थिति में यह सम्मान दिया गया।

Steps to success: Youngest Indian origin councilor Tushar Kumar honored in House of Lords
सबसे कम उम्र के भारतीय मूल के पार्षद तुषार कुमार।

एक फेसबुक पोस्ट में, तुषार ने यह सम्मान प्राप्त करने पर आभार व्यक्त किया है। उन्होंने लिखा है कि “इतने सार्थक दिन पर इतने सम्मानित स्थान पर यह सम्मान प्राप्त करना वास्तव में विनम्र है। यह दुनिया में सकारात्मक प्रभाव जारी रखने की मेरी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है। आइए अपने जीवन में पुरुषों का जश्न मनाते रहें और एक उज्जवल भविष्य के लिए मिलकर काम करें।

तुषार कुमार की कहानी सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि एक व्यक्ति का समाज पर पड़ने वाले प्रभाव का प्रमाण है। अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस पर इस युवा की मान्यता उन मूल्यवान योगदानों की याद दिलाती है जो पुरुष अधिक न्यायसंगत कार्य करने वाली दुनिया बनाने की दिशा में सकारात्मक पहल करते हैं।

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