सतकुंभा उत्सव 2024: सनातन धर्म सामाजिक संरचना, आत्म-विकास, परम्पराओं का संरक्षक: विधायक मोहन लाल बड़ौली
विधायक मोहन लाल कौशिक सोमवार को अपनी पत्नी गीता कौशिक के साथ 7 दिवसीय सतकुंभा उत्सव में शिव स्तोत्र महायज्ञ में आहुति डालने के बाद संबोधन में कहा कि युवाओं को वैदिक परंपराओं को, वेदों की शिक्षाओं को समझना है, व्यवहार में लाना जरुरी है, क्योंकि सनातन धर्म ही समाज को सुरक्षित एवं संगठित कर जीवन जीने की दिशा निर्धारित करता है।
- भारतीय ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत है सिद्धपीठ तीर्थ सतकुंभा: पीठाधीश्वर श्रीमहंत राजेश स्वरुप जी महाराज
- हरियाणा कला परिषद रोहतक मंडल द्वारा रवि सांपला समूह कलाकारों ने संगीतमय भक्ति रसधारा प्रवाहित की
गन्नौर, (अजीत कुमार): राई विधान सभा क्षेत्र के विधायक मोहन लाल बड़ौली ने कहा है कि सनातन धर्म सदैव अग्रणी है वर्तमान समय में अति आवश्यक है। सनातन धर्म सामाजिक संरचना, आत्म-विकास एवं परम्पराओं का संरक्षक है। समर्थ नेतृत्व के साथ जीवनशैली और समृद्ध संस्कृति के रूप में भी इसे समझने की आवश्यकता है।
सतकुंभा उत्सव 2024: आस्था और विश्वास की शक्ति नैया को पार कराती है: श्रीमहंत राजेश स्वरुप जी महाराज
विधायक मोहन लाल कौशिक सोमवार को अपनी पत्नी गीता कौशिक के साथ 7 दिवसीय सतकुंभा उत्सव में शिव स्तोत्र महायज्ञ में आहुति डालने के बाद संबोधन में कहा कि युवाओं को वैदिक परंपराओं को, वेदों की शिक्षाओं को समझना है, व्यवहार में लाना जरुरी है, क्योंकि सनातन धर्म ही समाज को सुरक्षित एवं संगठित कर जीवन जीने की दिशा निर्धारित करता है। धर्म के माध्यम से नैतिकता, समर्पण, समरसता जीवंत होती है। सनातन धर्म आत्म-विकास और साधना का मार्ग सुलभ करता है। योग, ध्यान, और धार्मिक अध्ययन से वेद ज्ञान जीवन को संतुलित बनाने की कला सीखाता है। सनातन धर्म परंपरागत ज्ञान और संवेदनशीलता को संरक्षित रखता है। प्राचीन ज्ञान, विचार, और संस्कृति को जीवंत करता है। सनातन धर्म पूरे विश्व को नेतृत्व के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर रहा है। धर्म संस्कृति नेताओं को नैतिक और धार्मिक मूल्यों पर आधारित निर्णय लेने में मदद करता है। सनातन धर्म के महत्व को समझने के लिए यह जरूरी है कि हम इसे केवल एक धर्म नहीं, बल्कि एक जीवनशैली और समृद्ध संस्कृति के रूप में जानना जरुरी है।
सिद्धपीठ सतकुंभा धाम तीर्थ के पीठाधीश्वर श्रीमहंत राजेश स्वरूप जी महाराज ने कहा कि सिद्धपीठ पर 7 दिवसीय सतकुंभा उत्सव 2024 में सोमवार काे हरियाणा कला परिषद रोहतक मंडल की ओर से आए रवि सांपला एवं उनके साथी कलाकारों ने शानदार संगीतमय भक्त रस की प्रस्तुति देकर समां बांध दिया। बच्चों का उत्साह उनके आदर्श जीवन का प्रेरक बना।
पीठाधीश्वर श्रीमहंत जी ने कहा कि समृद्ध ऐतिहासिक परंपरा हैं, प्रभु भक्तों की मान्यताएं हैं। भारतीय ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत है। यहां पर आचार्य व्यास पवदेव चतुर्वेदी ने की टीम ने रामकथा के साथ स्थापित मर्यादाओं पर कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। शिव स्तोत्र महायज्ञ में आचार्य आनंद भठ के नेतृत्व में शिव भक्तों ने हवन में आहुति दी।
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