सोनीपत: भेदभावों को छोड़कर प्यार से रहने के लिए की होली पूजा
होली के माध्यम से अधिकांश लोग बुराई को दूर करने और सच्चे प्यार और समझौते का प्रतीक मानते हैं। यह उत्सव खुशियों को बांटने और समरसता को बढ़ाने का अवसर देता है। रविवार को भजन गाती हुई घरों से निकली महिलाओं ने होली का पूजन कर बच्चों और परिजनों के स्वास्थ्य की मन्नतें मांगी।
सोनीपत, (अजीत कुमार): होली का पूजन हिन्दू रीति रिवाज अनुसार रविवार केा किया गया। पूजन की सामग्री तैयार कर, देवी का पूजनकिया, चार दिशाओं में प्रसाद चढ़ाकर, और आरती की गई। ग्रामीण परिवेश में अपने देवी देवताओं दादा खेड़े की पूजा की गई हैं।
होली के दिन लोग अपने भेदभावों को भूलाएं
सोनीपत, गन्नौर, खरखौदा, गोहाना आदि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में होली में धागा बांधने का परंपरागत विधि पूरी की। इससे द्वेष को भूलकर सभी के बीच एकता और स्नेह का महत्व समझाया गया है। होली का संदेश है कि होली के दिन लोग अपने भेदभावों को छोड़कर एक-दूसरे के साथ प्यार और मित्रता का आनंद उठाते हैं।
महिलाओं ने होली का पूजन कर खुशहाली की मन्नतें मांगी
होली के माध्यम से अधिकांश लोग बुराई को दूर करने और सच्चे प्यार और समझौते का प्रतीक मानते हैं। यह उत्सव खुशियों को बांटने और समरसता को बढ़ाने का अवसर देता है। रविवार को भजन गाती हुई घरों से निकली महिलाओं ने होली का पूजन कर बच्चों और परिजनों के स्वास्थ्य की मन्नतें मांगी।
होली पर महिलाएं टोलियों में भजन गाती हुई पहुंचीं
जगह-जगह बनाई गई होली में लोगों ने भारी मात्रा में घरों से लाकर लकड़ियां और उपले रखे। विभिन्न शहरों में होली का पूजन किया गया। विभिन्न क्षेत्रों में बनाई गई होली पर महिलाएं टोलियों में भजन गाती हुई पहुंचीं। बड़ी संख्या में एकत्र महिलाओं ने होली मां का पूजन किया और बच्चों और परिवार के स्वास्थ्य लाभ की कामना की। उन्होंने गोबर से बनाई गई माला में अर्धचंद्र, तारे, सूर्य और चकला-बेलन होली मां पर चढ़ाए। रात्रि को ढ़ोल नगाड़ों के साथ होलिका का दहन किया गया।
राजलू गढी में दादा बाला सय्यैद पर लगा मेला
राजलू गढी में दादा बाला सय्यैद पर भंडारे लगाया गया मेले में हजारों श्रद्धालुओं प्रसाद ग्रहण किया। श्रद्धा भक्ति समर्पण का सुंदर सा स्वरूप जागृत हुआ। भारतीय संस्कृति की यही खूबसूरती है कि यहां तीज-त्यौहार लोगों को आपसी भाईचारे का संदेश देते हैं। स्नेह, सहयोग के रंगों का त्यौहार होली, जीवन में खुशियों के रंग भरता है।
दादा खेड़ा पर युवाओं ने की समर्पित सेवा
आइए अब चलते हैं सोनीपत के गांव पुगथला में यहां पर श्रद्धालुओं ने अपने कुलदेवता, पित्र देवता, दादा खेड़ा को नमन किया। यहां अखंड भंडारा समर्पित स्वयंसेवकों ने दिया। अपने इष्ट को नमन किया। दादा अभय सिंह देवता का मंदिर पुगथला के प्रधान मनजीत ने कहा कि सभी देशवासियों को सबसे पहले होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं सभी ग्रामवासियों का धन्यवाद जो प्रसाद को वितरित करने मे सहयोग किया। हम सब मिलकर आगे इस मुहिम को बढ़ाते रहें और अपने देवों का आशीर्वाद प्राप्त करते रहें।
छोटा सा प्रयास इंसानों के चेहरे पर चमक दे देती है
प्रधान मनजीत ने कहा कि हर व्यक्ति सहयोग करे, बचे प्रसाद को खराब होने से बचाये और जरूरतमंद तक पहुंचाए। वास्तविक सेवा यही है कि हम जरूरत की सेवा कर पाएं। आपका छोटा सा प्रयास बहुत से इंसानों के चेहरो पर चमक ला देती है। पूरी समिति के सदस्य बधाई के पात्र हैं। सेवा को समर्पण भाव के साथ करके अपने जीवन खुशहाल बना रहे हैं।
दादा अभय सिंह देवता मंदिर पुगथला के प्रधान मंजीत, कोषाध्यक्ष अंकित, सहायक सचिव नवीन मलिक, सचिव सुरजीत, जगदीप, देवेंद्र, दिलबाग, प्रदीप, अंकित उर्फ कालू, सत्यवान, अंकुश, रिंकू, नितेश, संजीत आदि सेवा कार्य मे शामिल रहे।
फोटो में देखें दादा अभय सिंह देवता मंदिर पुगथला में गरीबों में प्रसाद वितरण करते मंदिर कमेठी के सदस्य
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