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काव्यलोक

दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: उठ उठ रे 3 चन्द्र यान प्यारे….

उठ उठ रे 3 चन्द्र यान प्यारे.... ***************************** उठ उठ रे बाळ गोपाळ"चन्द्रयान"प्यारे, भाष्कर तूझे जगाने आया है !! भोर भई लालिमा निकल आई है, पंछीयों ने भरी उड़ान,गीत मधुर सुनाए, दुध से भरी है कटोरी, दुध में पड़ीया…
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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: गणेश चतुर्थी उत्सव

गणेश चतुर्थी उत्सव ****************************** आले रे आले गणपती बापा आले दहा दिवस भक्तिमय सुखा चे झाले गणपती बापा आमचा घरी आले जय हो गणपती बापा मोरया मोरया करु मन लावून सगळे तुझी सेवा मिळे अम्हाला मन चाही प्रसाद मेवा…
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घेवरचन्द आर्य की कलम से: 17 सितम्बर भगवान् विश्वकर्मा पूजा दिवस पर विशेष लेख

संसार के प्रथम वैज्ञानिक विश्वकर्मा का पूजा अर्थात् सम्मान दिवस है 17 सितम्बर विश्वकर्मा पूजा दिवस प्रतिवर्ष कन्या सक्रांति को सितम्बर महीने की 17 तारीख को बिहार झारखंड कर्नाटक ओडिशा एवं विशेषकर उत्तर भारत मे उल्लास एवं विधि के अनुसार…
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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: हिन्दी दिवस

हिन्दी में लिखी गई कविताओं का अपना अलग से एक स्थान होता है। उर्दू मे गीत गझल नगमे शेर शायरी यह उनकी जगह पर है दोनो के श्रौता गण भी अलग से है। *पर हिन्दी की क्या बात करु, जब भी हिन्दी में कविता लिखता हूं तब जो मां के गोद मे नन्हा सा बालक…
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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: जिद्द ओर परिश्रम

✍ लेखक की कलम से.... जिद्द ताकतवर हो ओर भरपुर साथ मिले परिश्रम का तो कोई काम मुश्किल नही होता है..... पहली बार में सफलता नही मिले तो भी चिन्ता मत किजीये। प्रत्येक प्रयत्नेन सम्भवत : सफलता न प्रान्पोति। किन्तु प्रत्येक सफलताया :…
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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: समाज जाजम की महिमा

✍ लेखक की कलम से...... समाज की जाजम महान् होती है.. सारा समाज जहा एक साथ आम सभा का आयोजन करता है, वह समाज के सभी आदरणीय बैठते है, वह अनेक समाज हित के निर्णय लिए जाते है, वहा पर जो आसन की व्यवस्था की जाती है वह समाज की जाजम कहलाती है।…
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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: मैं भारत का रहने वाला हूं….

मैं भारत का रहने वाला हूं.... 3 चन्द्र यान के साँफ्ट लैंडिंग पर जांगिड कवि की खुशी का नहीं रहा एक ठीकाना, वह तो कहने लगा अब तो सारे भ्रमांड का भ्रमण करुंगा ओर दुनिया वालों से कहूंगा...... 🎤 मैं भारत का रहने वाला हूं, भारत के गीत चंदा…
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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: फर्निचर की मुख्य कड़ी है जांगिड़

प्रशंसा के हक्दार फर्निचर का नाम जब भी जुबा पर आता है तो राजस्थान के कलाकारों का(जांगिड़, सुथार) नाम बिन चूक आ ही जाता है, वैसा देखा जाये तो कलाकार पुरे भारतवर्ष में है, फिर भी जब नये जमाने के फर्निचर की बात होती है तो जांगिड़ो को याद किया…
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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: मैं चांद का निवासी हूं, भारत का रहवासी हूं….

मैं चांद का निवासी हूं , भारत का रहवासी हूं.... 3 चन्द्र यान क्या कह रहा है.....? ओ सुनो मेरे भारत वासी.....✅ मैं 24 अगस्त से चांद का निवासी हूं , भारत का रहवासी हूं..... ईसरो श्री हरिकोटा मेरा घर है, विशाल भारत मेरा देश है!!…
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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: घर ग्रस्ती में आपका स्थान कहा व कितना है…?

✍ लेखक की कलम से......"सामाजिक लेख" संसारिक दुनिया में आपके घर में आपका स्थान (हक्क) कितना व कहा पर है, यह हकीकत समय गुजरने के बाद जरुर ध्यान में आती है पर चलते समय को भापना भी हित का होता है। जब तक आप अकेले है वह घर में बड़े है तब तक…
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