दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: मैं भारत का रहने वाला हूं….

3 चन्द्र यान के साँफ्ट लैंडिंग पर जांगिड कवि की खुशी का नहीं रहा एक ठीकाना, वह तो कहने लगा अब तो सारे भ्रमांड का भ्रमण करुंगा ओर दुनिया वालों से कहूंगा...... 🎤

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मैं भारत का रहने वाला हूं….
3 चन्द्र यान के साँफ्ट लैंडिंग पर जांगिड कवि की खुशी का नहीं रहा एक ठीकाना, वह तो कहने लगा अब तो सारे भ्रमांड का भ्रमण करुंगा ओर दुनिया वालों से कहूंगा…… 🎤

मैं भारत का रहने वाला हूं,
भारत के गीत चंदा मामा को सुनाता हूं!!

अब तक अखिल भारतीय जांगिड ब्राह्मण,
समाज को सुनाए थे गीत और कविताएं !!

अब दुनिया वालों को सुनाउंगा चन्द्र यान के गीत,
माँ भारती की आज्ञा लेकर गीत चंदामामा के आउंगा!!

अब मेरे भारत के कवियों की स्टेज सजेगी,
चंदामामा के साऊथ भू-तल पर!!

कविताओं की सरिता भारत की बहेगी,
वैज्ञानिकों का होसला अबजाई करेंगे, करेंगे भारत का नाम ऊंचा !!

विश्व में विश्व गुरु नाम हो भारत का,
कविताएं आधुनिक ईक्कीसवी सद्दी की सुनाएंगे!!

मुद्रा भारत की उमटी चन्द्र पर, तिरंगा भारत का लहराया है,
अब गीत अशोक राजा की मुद्रा के गाएंगे साथ तिरंगा फहराकर निभायेंगे !!

अब नहीं है ठिकाना हमारी खुशी का,
गीत हर रोज चंदामामा के गाएंगे!!

ग्रीष्म अवकाश में मामा के घर जाएंगे,
मामा से खिलौने मंगवाकर छुट्टीयां वही बिताएंगे,

मैं भारत का रहने वाला हूं,
चन्द्र पर भारत के गीत गाता हूं…..

 

जय श्री ब्रह्म ऋषि अंगिरा जी की
जय श्री विश्वकर्मा जी की
कवि: दलीचंद जांगिड सातारा महाराष्ट्र
मो: 9421215933

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