सोनीपत: महिलाओं ने शीतला माता की पूजा की, मेला लगा

गांव बिधलान के इस धार्मिक स्थल पर पूजा होती आ रही है, उस समय यहां एक जंगल के रूप में था। बाद में नारायण महाराज ने यहां पर मंदिर का जीर्णोद्धार करके शीतला माता की मूर्ति स्थापित की।

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  • माता को बासौड़ा बासी भोजन का प्रसाद माता को अर्पण
  • आसपास के 60 गांवों श्रद्धालुओं ने मंदिर के साथ लगे मेले में शिरकत की

सोनीपत, (अजीत कुमार): श्रद्धालुओं ने सोमवार को सप्तमी के दिन गांव बिधलान बासौड़ा बासी भोजन का प्रसाद माता को अर्पण किया उसी प्रसाद को परिवार सहित मंदिर के प्रांगण में ग्रहण किया। यहां पर माता के मंदिर में मेला लगा। हजारों माता शाीतला के भक्तों व माता मंदिर समिति के साथ-साथ ग्रामीणों ने श्रद्धालुओं के लिए पानी, भोजन व बैठने की सुचारू व्यवस्था की गई थी। समिति के सदस्य नरेंद्र शास्त्री ने बताया कि यह मंदिर परिसर साढ़े 4 एकड़ भूमि में बनाया गया है बिधलान में दहिया खाप के अंतर्गत आने वाले लगभग 60 गांवों और आसपास के श्रद्धालु यहां माता के दर्शन किए।

इस स्थान की पाैराणिक कहानी 
गांव बिधलान के इस धार्मिक स्थल पर पूजा होती आ रही है, उस समय यहां एक जंगल के रूप में था। बाद में नारायण महाराज ने यहां पर मंदिर का जीर्णोद्धार करके शीतला माता की मूर्ति स्थापित की। मंदिर के समीप तालाब बनाया, जिसमें श्रद्धालु मन्नत मांगने के लिए मिट्टी निकालते हैं। तालाब में स्नान करने से त्वचा संबंधी रोगों से मुक्ति मिलती है। माता के दर्शन करने वालों में नवविवाहित जोड़े व संतान प्राप्ति होने पर श्रद्धालु माता का आशीर्वाद प्राप्त करने दूर-दूर से आते हैं। मेले में जो दुकानें लगाई जाती हैं उसमें लोग अपने बच्चों के लिए खरीददारी करते हैं। श्रद्धालु अपने नवजात शिशु के बाल उतरवाए।

बुढापा पेंशन की राश से भंडारा शुरु किया
मेले की शुरूआत सप्तमी की अर्द्धरात्रि से शुरू हुई। प्रतिवर्ष यहां पर ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को भंडारा लगता है। लगभग 20 वर्ष पहले गांव की बुजुर्ग महिलाओं ने अपनी बुढ़ापा पेंशन राशि से भंडारे की शुरूआत की थी। बाद में ग्रामीणों के सहयोग से निरंतर भंडारा लगाया जाने लगा। माता के दर्शन के बाद उन्हें कच्चे नारियल का प्रसाद भी वितरित किए जाने की परंपरा है। संस्था के सदस्य सुरेंद्र, प्रवेश, रामकुमार, मास्टर अशोक, कुलवंत, सुभाष पहलवान, रविंद्र, अमित कुमार आदि द्वारा श्रद्धालुओं ने मेले की व्यवस्था करने में सहयोग दिया।

 

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