दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: जिद्द ओर परिश्रम
"मेरे युवा मित्रों" किसी भी सपने को पूर्ण करने की दिशा में काम करने के पूर्व यह दृढ़ निश्चय कर लें कि चाहे कितनी भी मुश्किलें क्यों न आये?
✍ लेखक की कलम से….
जिद्द ताकतवर हो ओर भरपुर साथ मिले परिश्रम का तो कोई काम मुश्किल नही होता है…..
पहली बार में सफलता नही मिले तो भी चिन्ता मत किजीये।
प्रत्येक प्रयत्नेन सम्भवत :
सफलता न प्रान्पोति।
किन्तु प्रत्येक सफलताया :
कारण प्रयत्न : एव भवति।।
प्रयत्न बार बार करते रहना ही सफलता की मुख्य चिढ्ढी है जी……
“मेरे युवा मित्रों” किसी भी सपने को पूर्ण करने की दिशा में काम करने के पूर्व यह दृढ़ निश्चय कर लें कि चाहे कितनी भी मुश्किलें क्यों न आये? चाहे कितनी बार भी असफ़लता का सामना क्यों न करना पड़े। मन में यह निश्चय पक्का कर ले की मुझे अपनी मंझिल पानी है, अपने मंझिल को पाने की दिशा में तब तक प्रयास करते रहना चाहिए , जब तक आप अपनी मंझिल तक नही पहुंच जाते है। अन्यथा समय निकल जाने के बाद यह मन में एक खनक जरुर रह जाएगी कि काश मैंने थोड़ा प्रयत्न और किया होता. अपने सपनों को अधूरा मत रहने छोड़ीये, जिद्द और परिश्रम से उन्हें वास्तविकता में बदल करके ही दम लिजिये, तब जाकर शांत बैठीए।
असफलता एक मधियान्नतर विचार करने का विश्राम पोईन्ट है, जो आपको कुछ सोचने पर मजबूर कर एक ओर नई दिशा प्रदान करता है, कुछ नया करने का जझबा सिखाकर जाती है असफलता।
असफलता का सहर्ष स्वागत करते हुएं दुबारा मजबूत ईरादे के साथ काम पर लग जाईये, एक दिन मन चाही मंझिल आपको मिलना तय है, इस में तिल मात्र मन में शंका नही आनी चाहिए। जिद्द ओर परिश्रम ही फल देहि होते है।
जय श्री विश्वकर्मा जी री सा
लेखक: दलीचंद जांगिड सातारा महाराष्ट्र
मो: 9421215933
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