दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: गणेश चतुर्थी उत्सव

आले रे आले गणपती बापा आले, दहा दिवस भक्तिमय सुखा चे झाले।

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गणेश चतुर्थी उत्सव
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आले रे आले गणपती बापा आले
दहा दिवस भक्तिमय सुखा चे झाले
गणपती बापा आमचा घरी आले
जय हो गणपती बापा मोरया मोरया
करु मन लावून सगळे तुझी सेवा
मिळे अम्हाला मन चाही प्रसाद मेवा
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तुम जो साथ हो मेरे तो किस बात की कमी है,
आपकी कृपा से मेरे सब काम पूर्ण हो रहे है।

बात करु गणेश चतुर्थी की तो मेरे सब काम पार लग रहे है,
विश्वकर्मा मंदिर पर जांगिड ब्राह्मण समाज के सब उत्सव पार पड़ रहे है।

बरसात की कमी रह गई है इस बर्ष महाराष्ट्र में,
दस दिन के चलते गणपती उत्सव में पुरी कर देना देवा।

कर यज्ञ मनाऊं इन्द्र देव को,
जल बरसने की लिए मन में आश,
जांगिड ब्राह्मण कर्म निभाऊं
जन जन के लिए मन में रखू आश।

ग्लोब वाँर्मिंग क्षति का असर दिख रहा है सम्पूर्ण संसार में,
इस विक्राल रुपी राक्षस से हर प्राणी मात्र को बचाना गणपती देवा।

तुम जो साथ हो मेरे तो किस बात की कमी है,
आपकी कृपा से मेरे सब काम पूर्ण हो रहे है…..

अर्ज करे कवि दलीचंद जांगिड प्रथम पूज्नीय गणपती देवा,
मेरे जांगिड ब्राह्मण समाज को सुखमय रख गणपती देवा।

जय जय गणेश देवा, पधारो मेरे विश्वकर्मा मंदिर आंगन में देवा….
करु पूजा आरती आपकी दस दिन सेवा।

 

 

प्रार्थना कर्ता

लेखक/कवि: दलीचंद जांगिड सातारा महाराष्ट्र
मो: 9421215933

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