दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: ह्रदय स्पर्श गीत क्षण भंगूर काया, तू कहा से लाया। तुरुवन समझाया, पर समज ना पाया।। काव्यलोकट्रेंडिंग नाउताज़ा खबरें By दलीचंद जांगिड़ On Dec 24, 2023 158 ह्रदय स्पर्श गीत……. ====================== क्षण भंगूर काया, तू कहा से लाया। तुरुवन समझाया, पर समज ना पाया।। ये सास नी घोड़ी, चलती रुक थोड़ी । चल चल रुक जावे, क्या खोया पाया।। क्या लेके आयो जग में, क्या लेके जाएगा। “” “” “” “” “” “” “ओ बंधू….. तू मन सुन जोगी बात। ये माया करती घात।। Also Read सोनीपत: छत से फेंक कर युवक की हत्या मामले में आरोपी… सोनीपत: ड्रेन नंबर 6 का किनारा तोड़ा गंदा पानी कालाेनियों… आत्म भीतर समझा। मुरख ना समझे बात।। है ईश्वर तेरे साथ। काहे मनवा घाबरावे।। हो राम सुमिरन दिन रात। कष्ट समय कट जावै।। सब यही छोड़ जाएगा। ” “” “” “” “” छोड़ जाएगा……. क्या लेके आयो बंदा जग में, क्या लेके जाएगो…….. “” “” “” “” “” “” ओ बंधू……. !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! जय श्री ब्रह्म ऋषि अंगिरा जी की प्रस्तुतकर्ता दलीचंद जांगिड सातारा महाराष्ट्र Dalichand Jangid SataraHeart touching songpoet Dalichand Jangid Satarapoet Dalichand Jangid Satara Mumbai
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