दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस “करो योग रहो निरोग”

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          आरोग्य विषय पर नेक सलाह

आज अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस का नोवा वर्ष है, योग शरीर को तंदुरुस्त रखने के साथ साथ मन का भी शुध्दीकरण करता है प्रेम भावना बढाता है  *”सारा विश्व मेरा कुटुंब है मैं इस परिवार का सदस्य हूं यह भावना भी अंतर मन में जागृत होती है, मोदी जी ने 9 बर्ष पहले इस अंतरराष्ट्रीय  योग दिन की घोषणा की थी तब से यह वैश्विक आंदोलन की तरह एक विश्व क्रन्तिकारी दिवस के रुप में सम्पूर्ण देशों में मनाया जाने लगा है जो की हर प्राणी मात्र के लिए स्वस्थ जीवन जीने की एक विश्वगुरु वाली जुवन शैली हि है वह इसका निर्माता भारत ही है……

जब कोरोना संक्रमितों की संख्या  बढ रही थी, ऐसे समय मे सर्व सामान्य नागरिकों को घबराने की जरुरत नही है, पर ऐसे समय मे कोरोना बचाव के लिए सरकार की गाईड लाईन का पालन करे व अन् आवश्यक चिंता नही करे, बिगर कारण के पाले डर से आपकी साकारात्मक शक्ती (व्हील पाँवर) कम हो जाती है, जिसके कारण बिमारी को बुलावा मिलता है, इसी लिये कोरोना नही होवे इसके लिये क्या किया जाएं, ऐसी जीवन शैली को अपनाना ही आवश्यक हो जाता है जी, छोटी छोटी बातों का नियमित पालन करके आप कोरोना से बचाव कर सकते है, वह क्या है तब बात योगा की सामने आती है।

क्या है यह छोटी छोटी बाते……..?

सुबह जल्दी उठकर तज्ञों के बताए अनुसार योग व प्राणायाम आधे घंटे तक नियमित करे। सुबह का नाश्ता, दोपहर का व रात का भोजन समय पर करे, भोजन पश्चात वरियाली (बड़ीशेप) खाए, तथा भोजन करने के बाद 40 कदम जरुर चले व दोपहर मे आधा घंटे तक बाए करवट की तरफ सोये व फिर अपनी दिनचर्या शुरु करे, लाँक डाउन की परिस्थिति हो तो घर मे ही धार्मिक ग्रन्थ पढ़े व अपनी पसंद का लेखन कार्य चालु रखे वह घर मे छोटे बच्चों के साथ खेले, हर समय आंनदित रहना चाहिए यही साकारात्मक सोच को बनाए रखने के लिए आपकी दिनचर्या होनी चाहिए।

ठन्ड पेय की बजाए नींबु सरबत, दाड़ीम्ब, मोसंबी, कलिंगड व अन्य फलों का ज्यूस बनाकर पीये। तले हुए पदार्थ व ज्यादा मिर्च मसाले वाले ना खाएं। फ्रीज का ठन्डा पानी नही पीये व आईस्क्रीम जादा नही खाएं। ऐसी. (एयरकंडीशन) का वापर कम या नही के बराबर करे व ईम्युनीटी बढ़ाने वाले आयुर्वेदीक सेवनप्राश का सेवन करे।

प्राणवायु (आँक्सीजन) की कमी महसूस होने पर आयुर्वेद ग्रन्थ मे लिखा है की सुबह व सांयकाल मे थोड़ा टहलने जाना चाहिए, कारण सुबह की हवा ताजगी की (आँक्सीजन) मात्रा अधिक होती है, जिससे अपने फेफड़ों को अधिक मात्रा मे प्राणवायु मिल सके, पीपल के पेड़ के पत्तों का पाऊडर बनाकर साधारण गर्म पानी के साथ पीये व पीपल के हरे पत्ते का रस निकाल कर भी पी सकते है, यह भी आँक्सीजन की लेवल बढ़ाती है, पीपल के पेड़ के नीचे कुछ समय बैठना भी लाभकारी है, साथ ही सुन्ठ का पाऊडर सुंगने से लाभ मिलता है, गले मे किसी भी वायरस के जाने से बचाव होता है व कफ को हटाकर खांची से छुटकारा मिलता है, एक गिलास गर्म पानी मे मे फटकरी की डली को सात बार गुमाकर वह पानी पीने से भी कफ व खांची मे राहत मिलती है, साथ ही सुबह सायंकाल मे धूप करने का प्रावधान भी आयुर्वेद में बताया है, गुगल धूप करे या फिर नीम के पेड़ के पत्ते, फूल (खिसड़) नीम के फल (निंबोळी) और आंतरिक चाल को सुखाकर पाऊडर बनाकर धूप मे इस्तेमाल करे सुबह व सांयकाल मे घर मे धूप के रुप मे पुरे घर मे धुएं को गुमाये ताकी परिवार के हर सदस्य को इसका फायदा मिल सके, आयुर्वेद की दवाईयो की दुकानों मे प्राणवायु बढाने वाली गोलीया वाली व नाक मे लगाने वाले कुछ तेल मिलते है जो अनेक आयुर्वेदिक फाँर्मा कम्पनीया बनाती है, सुबह शाम लेने की मात्रा निर्देश मे बताये अनुसार लेने से भी प्राणवायु को बढाने मे मद्दद मिलती है सो हमे इस आयुर्वेद ग्रन्थ मे बताई औषधीयों का सेवन व प्रयोग करना है ताकी हमारी आँक्सीजन लेवल बनी रहे व हम बिमारी की सपेट मे नही आयेंगे।

बिना जरुरत के बाहर नही फिरे व योग्य कारण से घर के बाहर जाना पड़े तो मास्क जरुर लगाये, हाथो पर सिनेटाईजर लगाते रहे, व दो गज की दूरी सबसे बनाए रखे, मार्केट से वापस घर आते ही गर्म पानी से कपड़े धोये व स्नान करे, ऐसे छोटे छोटे कारणों को ध्यान मे रखते हुए कोरोना से बचाव कर सकते है।

अब इस कोरोना महामारी के चलते साकारात्मक सोच पर अधिक ध्यान देने की कोशिश करते रहना चाहिए व ज्यादा घबराहट वाले सोशल मीडिया पर आने वाले विडीयो व समाचारों से दूरी बनाए रखे, व अपनी साकारात्मक सोच मजबूत रखे, ताकी कोई बिमारी आप पर हावी ना हो सके।

इन सभी बिमारीयों से बचने के लिए “करो योग रहो निरोग”

 

लेख लिखने मे कोई त्रुटी हुइ हो तो क्षमाप्रार्थी हूं…… 

 

जय श्री विश्वकर्मा जी री सा

लेखक: दलीचंद जांगिड सातारा महाराष्ट्र

मो: 9421215933 

 

 

 

 

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