प्रार्थना समाज प्रगति की लिखता हूं
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एक समाज मुख्या के मन के भाव,
कवि कलम लिख देती है….
प्रार्थना समाज प्रगति की..
समाज विकास के लिए,
विश्वकर्मा जी से वरदान
मांगता हूं….
समाज विकास के लिए,
गुरुजनों से आशिर्वाद
मांगता हूं….
समाज विकास के लिए,
कर बद्ध प्रार्थना कर समाज का साथ
मांगता हूं….
समाज विकास के लिए,
नव युवाओं का जोश भरा साथ
मांगता हूं….
समाज विकास के लिए,
समाज बुर्जर्गों से सलाह
मांगता हूं….
समाज विकास के लिए,
पूर्व अध्यक्षों से बहु मुल्य राय
मांगता हूं….
समाज विकास के लिए,
प्रबुद्ध समाज ज्ञानीयों से ज्ञान
मांगता हूं….
समाज विकास के लिए,
पूर्वजों का अदृष्य आशिर्वाद
मांगता हूं….
समाज विकास के लिए,
तड़फदार कार्यकर्ताओं का साथ
मांगता हूं….
समाज विकास के लिए,
समाज बंधूओं से ईच्छा शक्ति धन राशि
मांगता हूं….
समाज विकास के लिए,
भामाशाहों से धन सहाय
मांगता हूं….
समाज विकास के लिए,
कवियों से ज्ञान वर्धक कविताएं
मांगता हूं….
समाज विकास के लिए,
साहित्यकारों से पथ दर्शक साहित्य
मांगता हूं….
समाज विकास के लिए,
माँ शारदे से कलम की ताकद
मांगता हूं….
समाज विकास के लिए,
समाज की जाजम पर बैठे अंतिम पंक्ती के बंधू से सलाह
मांगता हूं….
समाज विकास के लिए,
समाज विकास के लिए सबका साथ
मांगता हूं….
समाज विकास के लिए,
वेदिक धर्मी पंडितों से अथर्ववेद की सत्संग का ज्ञान
मांगता हूं….
सबका साथ, समाज का विकास
सब मिलकर बोलो
प्रेम से बोलो
जोर से बोलो
जय श्री विश्वकर्मा भगवान की…..
कवि: दलीचंद जांगिड सातारा महाराष्ट्र
मो: 9421215933
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