सोनीपत: हनीट्रैप मामेल में दो अधिवक्ता व एक महिला गिरफ्तार
अधिवक्ता प्रदीप कुमार ने पुलिस आयुक्त को शिकायत दी थी कि एक महिला ने सिविल लाइन थाना में 11 अप्रैल को दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। महिला उनके परिचित सुरेंद्र उर्फ जादूगर की जानकार थी।
- आरोप लगाने वाली महिला ने वकील को केस की फीस नहीं दी थी
- पहले भी एक व्यक्ति पर दुष्कर्म का केस किया, बाद में समझौता कर लिया
- इसी केस की फीस मांगने पर वकील पर कर दिया था केस
- केस लडने वाले वकील पर भी कर दिया दुष्कर्म का झूठा केस
- अधिवक्ताओं ने मांगे थे आठ लाख रुपये और दूसरे ने पांच लाख रुपये
- रुपये दे दो केस खत्म हो जाएगा, महिला शपथ पत्र दे देगी
- एसआईटी टीम ने किया खुलासा तीनों को काबू किया
सोनीपत: वकील को हनीट्रैप में फंसाने के मामले में रुपये मांगने वालों को सोनीपत में गठित एसआईटी टीम ने दो अधिवक्ताओं व एक महिला को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि उन्होंने अधिवक्ता पर पहले दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया। उसके बाद दो अधिवक्ताओं ने उससे एक ने आठ लाख रुपये और दूसरे ने पांच लाख रुपये मांगे। कार्रवाई करते हुए बुधवार को एसआईटी की टीम ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया अब इनको अदालत में पेश करेंगे।
अधिवक्ता प्रदीप कुमार ने पुलिस आयुक्त को शिकायत दी थी कि एक महिला ने सिविल लाइन थाना में 11 अप्रैल को दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। महिला उनके परिचित सुरेंद्र उर्फ जादूगर की जानकार थी। सुरेंद्र ने उन्हें कॉल कर कहा था कि वह महिला का मोबाइल नंबर उनके पास भेज रहे हैं, उनसे जानकारी लेकर उनके मुकदमे में पैरवी कर देना। उन्होंने महिला की पैरवी की थी। अधिवक्ता का आरोप था कि महिला ने उस मुकदमे में पैसे लेकर राजीनामा कर लिया था। वह 18 अप्रैल का महिला के साथ थाने में गए थे। जहां पर उसने शपथपत्र देकर कहा था कि वह मामले में कार्रवाई नहीं कराना चाहती। पुलिस ने मुकदमा झूठा मिलने पर उसे निरस्त कर दिया था। साथ ही महिला के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी थी। जब महिला से अपनी फीस मांगी तो उसने मना कर दिया था।
इसके बाद फीस को लेकर कहासुनी भी हुई ताे महिला ने सोनीपत कोर्ट में वकालत करने वाले अधिवक्ता विजय इंदौरा व मनोज दहिया के साथ मिलकर उनके खिलाफ ही 13 मई को एक झूठा मुकदमा नशीला पदार्थ पिलाकर दुष्कर्म करने का दर्ज करा दिया। उसके जानकार सुरेंद्र को भी आरोपी बनाया दिया गया। मामले में समझौता करने के लिए उसे चैंबर में बुलाया गया। विजय ने समझौता कराने के नाम पर आठ लाख व मनोज दहिया ने पांच लाख की मांगे। उन्होंने कहा था कि महिला ने उनके हक में शपथपत्र दिलवाएंगे और केस खतम हो जाएगा। जरूरत पडी तो उसकी जमानत करा देंगे।
पुलिस आयुक्त ने इस मामले में एसीपी गन्नौर गोरखपाल राणा के नेतृत्व में एसआईटी गठित कर दी थी। एसआईटी ने जांच कर अधिवक्ता पर दर्ज मुकदमे को रद्द कर दिया। अब मामले में एसआईटी ने आरोपी दोनों अधिवक्ता व महिला को गिरफ्तार कर लिया है। एसआईटी टीम तीनों को अब कोर्ट में पेश करेगी।
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