सोनीपत: विश्व शांति के लिए अध्यात्म को आत्मसात करें: आलोक मुनि
पुरखास की पावन भूमि पर गुणगान हुआ है सवा लाख मंत्रों का उच्चारण किया गया। धर्म का संदेश देती झांकियां निकाली गई। धर्म नगरी गांव पुरखास में 105 साल बाद 2023 के चातुर्मास के लिए 2800 किलोमीटर की पदयात्रा करके संघ के जैन मुनि आये हैं।
- जैन मुनियों के चातुर्मास के दौरान पुरखास में झांकी निकाली, भंडारा चला
- राजेश पहलवान पुरखासिया ने समारोह की अध्यक्षता की
- श्री श्री 1008 श्री प्रेमसुख जी महाराज के 26वां पावन स्मृति दिवस मनाया
- हरियाणा दिल्ली राजस्थान पंजाब से शामिल हुए जैन श्रावक एवं धर्म प्रेमी
सोनीपत: आलोक मुनि जी महाराज ने कहा है कि विश्व शांति के लिए अध्यात्म को आत्मसात करें। गरीबों के मसीहा, शान ए जिनशासन, चमत्कारी बाबा, परम सेवाभावी श्री श्री 1008 श्री प्रेमसुख जी महाराज सा. के 26वें पावन स्मृति दिवस पर गुरुदेव श्री के पावन स्मृति महोत्सव विश्व शांति महायज्ञ में यही संदेश है।
पुरखास की पावन भूमि पर गुणगान हुआ है सवा लाख मंत्रों का उच्चारण किया गया। धर्म का संदेश देती झांकियां निकाली गई। धर्म नगरी गांव पुरखास में 105 साल बाद 2023 के चातुर्मास के लिए 2800 किलोमीटर की पदयात्रा करके संघ के जैन मुनि आये हैं। श्री जैन स्थानक, पुरखास, सोनीपत की संतभूमि पर अनेक महापुरुषों ने जन्म लिया है। राजेश पहलवान पुरखासिया ने अध्यक्षता की। श्रावकों के लिए अनंत भंडारा दिया गया।
श्रमण संघीय आचार्य सम्राट श्री शिव मुनि जी महाराज साहब, उत्तर भारतीय प्रवर्तक श्री आशीष मुनि जी महाराज साहब की आज्ञा अनुवर्ती एवं चमत्कारी बाबा श्री प्रेमसुख जी महाराज साहब के पौत्र शिष्य व उपाध्याय प्रवर श्री रविंद्र मुनि जी महाराज साहब एवं श्रमण संघीय सलाहकार श्री रमणीक मुनि जी महाराज साहब के सुशिष्य संत रत्न संत रत्न सेवा शिरोमणि श्री आलोक मुनि जी महाराज साहब, वाणी भूषण श्री अमन मुनि जी महाराज साहब, सेवाभावी श्री अक्षय मुनि जी महाराज साहब चातुर्मास यह महामंत्र जाप आचार्य सम्राट पूज्य गुरूदेव डॉ. शिवमुनि जी के आज्ञानुवर्ती महापंजाब प्रवर्तक बाल ब्रह्मचारी दादा गुरुदेव स्वामी भागमल जी के प्रपौत्र शिष्य गरीबों के मसीहा, शान- ए- जिनशासन, संघ गौरव, चमत्कारी बाबा पूज्य गुरूदेव श्री प्रेमसुख जी म. के पौत्र सुशिष्य सन्त रत्न सेवा शिरोमणि आलोक मुनि जी महाराज की पावन प्रेरणा से मनाया गया है।
राजेश पहलवान पुरखासिया ने कहा कि यह परम सौभाग्य है कि धर्म नगरी पुरखास में 105 साल के बाद जैन मुनियों का चातुर्मास हो रहा है। यहां झांकियां ज्ञानवर्धक थी। जैन मुनियों का परम सानिंध्य मिला यह परम सौभाग्य का क्षण है। सरपंच बहादुर, जिला पार्षद सतीश गुलिया, सरपंच प्रतिनिधि सुनील, पूर्व सरपंच उमेद सिंह, पूर्व सरपंच यशपाल बाबा, महाबीर, जयवीर पहलवान आदि शामिल रहे।
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