दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: सीताराम सीताराम, सीताराम कहिये

मुख में हो राम नाम, राम सेवा हाथ में, तू अकेला नाहिं प्यारे, राम तेरे साथ में।

Title and between image Ad

सीताराम सीताराम, सीताराम कहिये,

जाहि विधी राखे राम, ताहि विधी रहिये।

मुख में हो राम नाम, राम सेवा हाथ में,

तू अकेला नाहिं प्यारे, राम तेरे साथ में।

सीताराम सीताराम सीताराम कहिये,

जाहि विधी राखे राम ताहि विधी रहिये।

विधी का विधान जान, हानि लाभ सहिये,

जाहि विधी राखे राम, ताहि विधी रहिये।

सीताराम सीताराम, सीताराम कहिये,

जाहि विधी राखे राम, ताहि विधी रहिये।

किया अभिमान तो फिर, मान नहीं पायेगा,

होगा प्यारे वहीं जो, श्री  रामजी को भायेगा।

फल आशा त्याग, शुभ काम करते रहिये,

जाहि विधी राखे राम, ताहि विधी रहिये।

सीताराम सीताराम, सीताराम कहिये,

जाहि विधी राखे राम, ताहि विधी रहिये।

जिन्दगी की डोर साँप, हाथ दीनानाथ के,

महलों में राखे चाहे, झोपड़ी में वास दे।

धन्यवाद निर्विवाद कहिये, राम नाम कहिये,

जाहि विधी राखे राम, ताहि विधी रहिये,

सीताराम सीताराम, सीताराम कहिये,

जाहि विधी राखे राम, ताहि विधी रहिये।

आशा एक रामजी से, दूजी आशा छोड़ दे,

नाता एक रामजी से,दूजा नाता तोड़ दे।

साधु रंग राम रंग, अंग अंग रंगिये,

जाहि विधी राखे राम, ताहि विधी रहिये।

सीताराम सीताराम, सीताराम कहिये,

जाहि विधी राखे राम, ताहि विधी रहिये।

       सीताराम…..कहिये…..

जाहि विधी राखे राम, ताहि विधी रहिये..

!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

 जय जय श्रीराम जय श्री राम 

💐💐🕉🕉💐🙏🙏

 

प्रस्तुतकर्ता: दलीचंद जांगिड सातारा

Connect with us on social media

Comments are closed.