दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: कवि यादगार बनाते है….
हम भूतकाल को दर्शाते है, हम वर्तमान को सजाते है ओर भविष्य को प्रणाम करते है.....
कवि यादगार बनाते है….
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हम कवि स्वर्ग में जाने की ईच्छा तो नहीं रखते है पर जहा जाते है वहा स्वर्ग सा माहौल जरुर बना देते है…..
हम कवि है कविताएं ✍ लिखते रहते है……
हम भूतकाल को दर्शाते है, हम वर्तमान को सजाते है ओर भविष्य को प्रणाम करते है…..
हम हिन्दुस्तानी है,दुनिया में सच्चे सनातनी हिन्दू कहलाते है…..
हम माँ शारदे के अनुयायी है, करते करते उपासना माँ की अलौकिक दुनिया में रमण कर शब्दों की गठड़ी बांध लाते है…..
हम आकार कविताओं को देते है जो दुनिया को मन भाती है……
हम डूबते सुर्य को हाथ जोड़ नमस्कार करते है, लोग धन लक्ष्मी को प्रणाम करते है….
हम नदी नालो पहाड़ों में प्रकृति के नव रत्न ढूंढते रहते है, लोग कसोटी पर सोने को घिसते रहते है…..
हम दुनिया में अच्छे सच्चे हिन्दुस्तानी है, हम संयुक्त परिवार में विश्वास करने वाले हिन्दुस्तानी है….
हम अग्रसेन के अनुयाई है, एक ईट एक रुपया देकर गरीब का घर बसाने वाले है…..
हम दरवाजे पर आये साधु को भिक्षा देने वाले है, दरवाजे पर आये भिखारी को मिठा फल देने वाले है…..
हम कलम से सच्चाई उज्जागर करने वाले है,हम कवि है कविताएं लिखते रहते हैं, हम सच्चे अच्छे हिन्दुस्तानी है…..
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जय श्री विश्वकर्मा जी री सा
लेखक दलीचंद जांगिड सातारा महाराष्ट्र
मो: – 942121593
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