कामयाब खिलाड़ी बनने के लिए आप समय पर उठें, नियमित अभ्यास करें और संतुलित डाइट लें

कबड्‌डी के खेल में युवाओं की रुचि बढने लगी इसमें अपना कैरियर को युवा देख रहे हैं। आज हमारे साथ में जुड़ रहे हैं कबड्डी के कोच प्रदीप शर्मा जी जिन्होंने 2014 से कोच की भूमिका निभानी आरंभ की वर्ष 1992 से खेल के मैदान में अपने कदम रखें।

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भारत के चमकते सितारे (एपीसोड-4)

 

कबड्‌डी के खेल में युवाओं की रुचि बढने लगी इसमें अपना कैरियर को युवा देख रहे हैं। आज हमारे साथ में जुड़ रहे हैं कबड्डी के कोच प्रदीप शर्मा जी जिन्होंने 2014 से कोच की भूमिका निभानी आरंभ की वर्ष 1992 से खेल के मैदान में अपने कदम रखें। आज खुद अच्छे खिलाडियेां को तैयार करने में लगे हैं। खेल की तकनीक सिखाते बेहतर खिलाड़ी तैयारी तैयार करते हैं। इनके खुद के शहजादे नेशनल स्तर पर कबड्डी में अपनी पहचान बना रहे हैं।

तो आइए विस्तृत चर्चा की कुछ खास खास बातें आप तक पहुंचाते हैं।

 

सवाल:- शर्मा जी स्वागत है आपका आप पाठकों को अपना परिचय अपनी जानकारी दीजिए ?

जवाब:- सभी दर्शकों व पाठकों को मेरा नमस्कार मेरा नाम प्रदीप शर्मा है। मेरा गांव रसोई है, सोनीपत के राई क्षेत्र में है।

 

सवाल:- प्रदीप जी आपके पास कितने स्टूडेंट हैं, आप उन्हें किस तरीके से तैयार कर रहे हैं, आपकी एकेडमी का क्या नाम है इसके बारे में हमें जानकारी दीजिए ?

जवाब:- जी सर मेरी एकेडमी का नाम है सरस्वती स्पोर्ट्स एकेडमी है, जिसमें मेरे पास लगभग 50 बच्चे हैं और यह लड़के और लड़कियों के सांझी है इसमें लड़के और लड़कियां दोनों प्रैक्टिस करते हैं और इसमें से कई बच्चे ऐसे हैं जो स्टेट और नेशनल लेवल पर खेल चुके हैं।

 

सवाल:- कितने बच्चे हैं आपके थोड़ा परिवारिक बातें भी कर लेते हैं ?

जवाब:- सर मेरे पास एक लड़का लवकेश और एक लड़की मानसी है।

 

सवाल:- क्या आपके बच्चों की खेल में रुचि है क्योंकि पिता खिलाड़ी भी रहे हैं, क्या बच्चे भी उस में अपनी भागीदारी कर रहे हैं ?

जवाब:- जी सर बिल्कुल मेरे बेटा और बेटी दोनों ही कबड्डी खेलते हैं और मेरा बेटा तो नेशनल भी खेल चुका है और अभी बच्चे को और आगे तक ले कर जाना है। उसके लिए हम प्रयासरत हैं। सिर्फ मेरे ही नहीं हमारी एकेडमी में जितने भी बच्चे हैं। हम सभी को इस तरीके से तैयार कर रहे हैं कि वह अपने स्टेट का अपने देश का पूरी दुनिया में नाम रोशन करें। मेरा सबसे ज्यादा फोकस हमारी बच्चियों पर है। मैं चाहता हूं कि हमारी बच्चियां (लड़कियां) देश और विदेशों में अपने माता-पिता का, अपने स्टेट का नाम रोशन करें।

लड़का हो या लड़की सबको ऊंची परवाज मिले

सर मैं आपको बताऊं कि शुरुआत में मेरे पास दो लड़कियां आई थी फिर जैसे-जैसे एकेडमी का नाम होता गया जैसे-जैसे माता-पिता को पता लगा फिर धीरे-धीरे इनकी संख्या में बढ़ोतरी होती गई और आज मेरी एकेडमी में 50 बच्चों में से 20 लड़कियां हैं जो अभी प्रैक्टिस कर रही हैं। यह मेरे लिए बहुत गर्व की बात है मेरा एक ही ध्येय है कि चाहे लड़का हो या लड़की उन्हें एक ऊंची परवाज मिले और खासकर लड़कियों को उन्हें उस मुकाम पर ले कर जाना है जहां पर हर लड़की जाना चाहती है। क्योंकि हमारे यहां पर लड़कियों की टीम है ही नहीं।

 

सवाल:- तो यह जो जगह है जहां आप खड़े हैं इस जगह का क्या नाम है ?

जवाब:- इस जगह का नाम है नीर गुलिया कबड्डी अकेडमी यह सोनीपत के रायपुर गांव में है। जो हमारे नीर गुलिया सर जी हैं हमारे बड़े भाई साहब हैं। उनकी एकेडमी है नीर गुलिया कबड्डी अकेडमी ।हम इनके साथ लगातार संपर्क में रहते हैं। हम उनसे सलाह व मार्गदर्शन लेते हैं कि बच्चों को किस तरीके से टेक्निक्स सिखानी है, किस तरीके से बच्चों का डाइट प्लान देना है, इन सभी के लिए समय-समय पर मार्गदर्शन देते रहते हैं। हम कोशिश करते हैं कि हम अपने बच्चों को इनके साथ में जोड़ सकें।

 

सवाल:- बच्चों को प्रशिक्षण देते समय आप किन बातों का खासतौर पर ध्यान रखते हैं ?

जवाब:- देखिए सर जो आज के समय हमारी युवा पीडी है, वह नशे की ओर ज्यादा अग्रसर है। मेरा मकसद सिर्फ एक है कि बच्चों को गेम के माध्यम से नशे की लत से दूर रखना है। हमारी युवा पीढ़ी किसी के बहकावे में आकर बोलते हैं इसमें कहीं ना कहीं परिवार की भी कमी रहती है कि बच्चे नशे की राह पकड़ रहे हैं। क्योंकि मेरा मानना है कि अगर बच्चों को सही डाइट मिलेगी, सही प्रशिक्षण मिलेगा तो वह इससे और कहीं नहीं जाएंगे और अपने जीवन को संभाल पाएंगे। मेरा मकसद बच्चों को अच्छी गाइडलाइंस देना है, अच्छा मार्गदर्शन देना है, उनको प्रेरणा देना है, ताकि वह खेल के माध्यम से अपने भविष्य को उज्जवल बना सके।

 

सवाल:- आपसे हमारा आखरी सवाल यह है कि जो आज खिलाड़ी वर्ग है जो ज्ञान ज्योति दर्पण के माध्यम से आपको सुन रहे हैं, पढ रिहे हैं, देख रहे हैं आप उनको क्या संदेश देना चाहेंगे कुछ ऐसे खास मंत्र जिससे वह अपने खिलाड़ी जीवन को और बेहतर तरीके से आगे बढ़ा सके ?

 

जवाब:- पहली बात यह है कि आप समय पर उठें, समय पर नियमित अपनी प्रैक्टिस करें, समय पर अपनी डाइट लें। क्योंकि जब तक हमारा शरीर स्वस्थ नहीं होगा तब तक हम कुछ नहीं कर पाएंगे। जो आपका बड़ा आपको सलाह दे, आप उसके राह पर चलें और बच्चों के लिए पढ़ाई भी बहुत जरूरी है। खेल के साथ साथ में पढ़ाई करना, आपके लिए बहुत ज्यादा लाभप्रद होगा। बस एक ही बात जो मैंने पूरे साक्षात्कार में कही है कि अपने स्वास्थ्य का जरूर ध्यान रखें। क्योंकि जब चाहे वह खेल हो, चाहे वह पढ़ाई हो, जब तक आप स्वस्थ होंगे, तब तक आप उसमें, अपना शत-प्रतिशत दे पाएंगे। आखिर में फिर एक बात स्वस्थ रहें सुरक्षित रहें। मैं सिर्फ यही कहना चाहूंगा कि ज्ञान ज्योति दर्पण के तमाम दर्शकों और पाठकों को मेरा दिल से शुक्रिया और नरेंद्र शर्मा परवाना जी का भी बहुत-बहुत शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने हमें अपनी बात रखने का ही एक मंच दिया। 

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