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Certainly the father

नरेंद्र शर्मा परवाना की कलम से: यकीनन पिता संतान का पूरा संसार है

कविता: यकीनन पिता संतान का पूरा संसार है पिता का दर्जा भगवान से भी से भी ऊंचा है। पिता गृहस्थ की छत है, पिता बच्चों के सिर पर गगन है। पिता जीवन की सुगंध है, पिता तो महकता हुआ चमन है। पिता ज्ञान का उजाला है, दिल की धड़कन है, दीन-ईमान…
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