कामयाबी के कदम: जांगिड़ युवाओं के आइकॉन बने प्रशांत शर्मा
प्रशांत के पापा ने बताया कि प्रशांत पढाई में हमेशा ही उत्कृष्ट रहा है और उसने 10 वीं और 12 वीं कक्षा सरदार पटेल विद्यालय, दिल्ली से सर्वोत्तम अंकों से उत्तीर्ण की।
सोनीपत: प्रशांत शर्मा ने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की गई परीक्षा पास करके डैनिक्श कैडर ज्वाइन किया है। जिस का परमात्मा पर अडिग विश्वास ,दृढ़ इच्छाशक्ति तथा पक्का संकल्प हो, उसके लिए लक्ष्य की प्राप्ति का मार्ग सहज रूप से ही आसान हो कर प्रशस्त हो जाता है और ऐसी ही असीम अनुकम्पा हुई है -सदाशयता की प्रतिमूर्ति और आयकर विभाग में प्रधान आयुक्त के पद पर कार्यरत डॉ नरेन्द्र कुमार के सुपुत्र प्रशांत शर्मा पर, जिन्होंने वर्ष 2020 में आयोजित की गई संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करके समाज को गौरवान्वित किया है।
आप जानते ही हैं कि डाक्टर का लड़का या लड़की डाक्टर तो हजारों की संख्या में मिल जायेगे, लेकिन इस तरह का दुर्लभ संयोग बड़ा ही अप्रत्याशित है कि पिता और पुत्र ने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में स्थान बनाया हो और यह चमत्कार केवल प्रभू कृपा के प्रसाद से ही संभव हो सका है। जांगिड समाज में एक नया इतिहास रचने के लिए लाख -लाख बधाई और अनेकों अनेकों शुभकामनाएं।
प्रशांत शर्मा ने अपने पिता डॉक्टर नरेंद्र कुमार जो कि आयकर विभाग में प्रधान आयुक्त के पद पर आसीन हैं (उन्होंने यह परीक्षा 1990 में पास की थी ) का अनुसरण करते हुए और उन्ही के पदचिन्हों पर चलते हुए 30 साल बाद वर्ष 2020 में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा दी और उनका चयन डैनिक्स कैडर में हुआ है और उन्होंने अपनी ट्रेनिंग भी दिल्ली में शुरू कर दी है।
गाँव सिलाना निवासी #प्रशांत_जांगड़ा पुत्र नरेंद्र जांगड़ा ने #यूपीएससी_IAS में 259 वीं रैंक हासिल करने पर हार्दिक शुभकामनाएं
प्रशांत के पिता नरेंद्र जांगड़ा #IRS है ओर फिलहाल इनकम टैक्स में #कमिश्नर है जबकि दादा जी मास्टर लेखराम जांगड़ा सेवानिवृत्त #मुख्याध्यापक है … pic.twitter.com/9WUywGSSFN
— जाँगिड़ योद्धा (@jangidyodha) May 25, 2023
प्रशांत का जन्म 14 अप्रैल 1996 को सिलाना, जिला झज्जर में हुआ।उनकी स्कूली शिक्षा विभिन्न शहरों जैसे हिसार, सूरत, वडोदरा दिल्ली जैसे शहरों में हुई। प्रशांत के पापा ने बताया कि प्रशांत पढाई में हमेशा ही उत्कृष्ट रहा है और उसने 10 वीं और 12 वीं कक्षा सरदार पटेल विद्यालय, दिल्ली से सर्वोत्तम अंकों से उत्तीर्ण की। उसके पश्चात् बिरला इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस से इलैक्ट्रिकल और इलैक्ट्रोनिक्स में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है।
प्रशांत ने कहा कि मैंने प्राईवेट नौकरी करते समय यह महसूस किया कि एक व्यक्ति पैसा तो बहुत कमा सकता है, लेकिन प्राईवेट नौकरी में न तो स्वयं के लिए समय है और न ही समाज सेवा के लिए। मैंने अपने घर में अपने पापा को हमेशा सबकी मदद करते हुए ही देखा है, वे किसी गरीब व्यक्ति की व्यथा सुनकर बड़े ही व्याकुल हो उठते हैं और यथा संभव उसकी सहायता करने का प्रयास करते हैं और इन्ही संस्कारों ने मुझे इस चुनौती का मुकाबला करने के लिए प्रेरित किया है।
अपने पोते की सफलता का उल्लेख करते हुए उनके दादा लेखराम शर्मा ने बड़े भावुक होते हुए कहा कि हमें तो पता ही नही चला कि कब प्रशांत इतना बड़ा हो गया और प्रशांत के माता पिता ने उनमें उदात्त संस्कारों का बीजारोपण किया है और आज उसी का ही यह प्रतिफल है कि प्रशांत ने यह मुक़ाम हासिल किया है। धर्म परायण प्रवृत्ति और सौम्य स्वभाव की प्रतिमूर्ति उनकी दादी मां रेवती देवी ने आशा व्यक्त की है कि भगवान की अनुकम्पा उस पर सदैव इसी प्रकार बनी रहे ताकि वह सफलता के नए आयाम स्थापित कर सके।
Comments are closed.