सोनीपत: हमारे पूर्वजों का जीवन हमारे लिए प्रेरक: ओएसडी भूपेश्वर दयाल गौड़
ओएसडी भूपेश्वर ने कहा कि उनके दादा प० दयाल जी गौड ने अपने समय में अनेक सामाजिक कार्य किए, जिसकी बदौलत आज पूरा क्षेत्र उनको व उनके कार्यों को याद करता है। हम अपने परिजनों को हमेशा याद रखें।
- स्वामी दयानंद सरस्वती महाराज ने हरसाना कलां के मुख्य द्वारा पर स्थापित जय गंगा प्रवेशद्वार का किया उद्घाटन
सोनीपत (अजीत कुमार): मुख्यमंत्री मनोहर लाल के ओएसडी भूपेश्वर दयाल गौड़ के दादा पंडित प्रभु दयाल गौड़ की जयंती के अवसर पर सोमवार को कहा कि हमारे पूर्वजों के जीवन हमारे लिए प्रेरक हैं।
ओएसडी भूपेश्वर ने कहा कि उनके दादा प० दयाल जी गौड ने अपने समय में अनेक सामाजिक कार्य किए, जिसकी बदौलत आज पूरा क्षेत्र उनको व उनके कार्यों को याद करता है। हम अपने परिजनों को हमेशा याद रखें। हर व्यक्ति को अपने समाज की भलाई के लिए कार्य करने चाहिए ताकि आपके मरने के बाद भी आपको आपके कार्यों से याद किया जाए। ओएसडी ने कहा कि गांव के द्वारा बनाया गया यह द्वार भी नई पीढ़ी तथा युवाओं के लिए यह प्रेरणादायी प्रवेशद्वार बनेगा। उन्होंने कहा कि हमें अपने परिजनों की हमेशा सेवा करनी चाहिए, क्योंकि उसी घर में सबसे ज्यादा शांति और समृद्घि आती है जहां परिजनों का सम्मान होता है।
कार्यक्रम के दौरान स्वामी दयानंद सरस्वती महाराज ने हरसाना कलां ने मुख्य द्वार पर स्थापित किए गए जय गंगा प्रवेशद्वार का उद्घाटन करते हुए कहा कि गौड परिवार द्वारा की यह पहल अनुकरणीय है। समाज व महिलाओं के लिए बेहतरीन कार्य करने वाली महिलाओं के नाम पर गांव के प्रवेशद्वार की स्थापना स्वागत योग्य है। प्रचीन समय से ही भारत की संस्कृति ऐसी है जहां अपने बुजुर्गों को सम्मान किया जाता है उन्हें हमेशा याद रखा जाता है। स्वास्थ्य चैकअप शिविर का आयोजन कर लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गई। जगदेव, देवश्वर दयाल गौड़, चौधरी अत्तर सिंह, धर्मबीर, नरेश शर्मा, जगबीर सिंह, रणबीर सिंह, सुन्दर, महेन्द्र मोर, जयदेव, कर्ण सिंह, हेमचंद्र, पंडित रामलाल आदि उपस्थित रहे।
Comments are closed.