सोनीपत: मानव जीवन में बहुत उपयोगी है जैव विविधता- जिला समन्वयक सोनीपत

जैव विविधता तीन प्रकार की होती है- आनुवंशिक विविधता: यह गुणसूत्रों पर आधारित है जो जीवों के आनुवंशिक संरचना के बीच भिन्नता को दिखाता है। किसी विशेष प्रजाति के जीव अपने आनुवंशिक संरचना में एक दूसरे से अलग होते है।

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सोनीपत (अजीत कुमार): आज सिसाना गांव में सरपंच जगबीर की अध्यक्षता में जैव विविधता के बारे में एक सभा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में हरियाणा राज्य जैव विविधता बोर्ड पंचकूला के जिला समन्वयक सोनीपत श्यो प्रसाद ने बताया कि इस जैविक विविधता- या जैव विविधता: पौधों, जीव जंतुओं में पाई जाने वाली अलग-अलग प्रकार की विशेषताएं जैव विविधता कहलाती है। जैव विविधता हमारे ग्रह पर सभी जीवित चीजों से बनी है। यह सभी तरह के जीवन को समाहित करती है जिसे अरबों सालों के विकास ने आकार दिया गया है। इसमें सबसे छोटे बैक्टीरिया से लेकर सबसे बड़े पौधों और जानवरों तक, यहां तक कि हमारी अपनी प्रजातियों भी शामिल हैं।

जैव विविधता तीन प्रकार की होती है- आनुवंशिक विविधता: यह गुणसूत्रों पर आधारित है जो जीवों के आनुवंशिक संरचना के बीच भिन्नता को दिखाता है। किसी विशेष प्रजाति के जीव अपने आनुवंशिक संरचना में एक दूसरे से अलग होते है। यही वजह है कि हर जीव एक-दूसरे से अलग दिखता है। इसी तरह, चावल, गेहूं, मक्का, जौ, आदि की एक ही प्रजाति में अलग-अलग किस्में होती हैं।

डिस्ट्रिक्ट कोर्डिनेटर सोनीपत ने ये भी बताया की जैव विविधता का महत्व पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने के लिए इसका रखरखाव करना बहुत महत्वपूर्ण है। जानवरों, पौधों और सूक्ष्मजीवों की एक विस्तृत श्रृंखला के बिना, हम स्वस्थ पारिस्थितिकी प्रणालियों की आशा भी नहीं कर सकते हैं। ये सभी पारिस्थितिकी तंत्र में अहम भूमिका निभाते हैं। सरपंच जगबीर ने महत्वपूर्ण जानकारी ग्रामीणों के साथ साँझा करने के लिए जिला समन्वयक का आभार जताया इस अवसर पर बीएमसी मेंबर चाँद और रोहित, यश, अन्नू,दर्शना, बबिता आदि ग्रामीण उपस्थित रहें।

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