सोनीपत: एक जागरूक किसान देश कि आधारशिला – श्यो प्रसाद

पराली जलाने के क्या क्या नुकसान है और हम इसे रोककर सरकार के माध्यम से कैसे फायदा उठाया जा सकता है। मेले में सिटी मजिस्ट्रेट डॉ अनमोल ने भी लोगों की जिज्ञासा देखते हुए सरकार की अन्य योजनाओं से अवगत कराया इस मेले में नवीनतम तकनीक, फसल प्रबंधन उपकरण, कृषि उत्पाद, बीज, कीटनाशक, उर्वरक, जैविक, उत्पाद और हर्बल उत्पादों को विभिन्न स्टालों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया।

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सोनीपत: आज जिला स्तरीय किसान मेले का आयोजन सुभाष स्टेडियम सोनीपत में किया गया। जिसके मुख्य अतिथि माननीय मोहन लाल बड़ोली एमएलए राई ने लोगों को आधुनिक यंत्रों के इस्तेमाल का सन्देश दिया और पराली न जलने के लिए लोगों से अनुरोध किया।

उन्होंने बताया कि पराली जलाने के क्या क्या नुकसान है और हम इसे रोककर सरकार के माध्यम से कैसे फायदा उठाया जा सकता है। मेले में सिटी मजिस्ट्रेट डॉ अनमोल ने भी लोगों की जिज्ञासा देखते हुए सरकार की अन्य योजनाओं से अवगत कराया इस मेले में नवीनतम तकनीक, फसल प्रबंधन उपकरण, कृषि उत्पाद, बीज, कीटनाशक, उर्वरक, जैविक, उत्पाद और हर्बल उत्पादों को विभिन्न स्टालों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया।

इस आयोजन में जिला समन्वयक श्यो प्रसाद ने मेले में आये लोगों को जैव विविधता के बारे में हरियाणा राज्य जैव विविधता बोर्ड के मार्गदर्शन में किये कार्यो के बारे में वर्णन किया की समय समय पर जैव विविधता संरक्षण के लिए आयोजन किया जा रहा है जैव विविधता की वर्तमान में क्या स्थिति है और हम इसे कैसे बचा सकते है । डिस्ट्रिक्ट कोर्डिनेटर सोनीपत ने लोगों को बताया की पेड़ों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार ने कई कानून बनाए हैं और पेड़ों के संरक्षण के लिए भी केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है।

इन योजनाओं का लाभ प्राप्त कर आप भी पर्यावरण संरक्षण का काम कर सकते हैं। और साथ ही पैसे कमा सकते हैं। ऐसी ही एक योजना की शुरुआत हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के द्वारा की गई है। जिसका नाम प्राण वायु देवता योजना है। इस योजना के माध्यम से राज्य में 75 साल से पुराने पेड़ों के संरक्षण के लिए सरकार द्वारा 2500 रूपए सालाना आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस कार्यक्रम में सोनीपत जिले के कृषि एवं कल्याण विभाग के उप निदेशक पवन शर्मा,  डॉ देवेंद्र एसडीओ कृषि विभाग, कश्मीरी लाल फिशरीज विभाग से डॉ राकेश कुमार बागवानी विभाग से और अन्य अधिकारी शामिल रहें।

 

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