सोनीपत: पंडित विष्णुदत्त शर्मा ने सुनाया शाही लकड़हारे का किस्सा

शाही लकड़हारे के सांग में बताते हैं कि बीना अपने पति को कहती हैं कि वह गंगा स्नान के लिए जाएंगे और अपनी माताजी की अस्तियों का गंगा में विसर्जन करके दानपुण्य करेंगे। बीना अपने पति को गंगा माता की स्तुति करके बताती है कि गंगा पृथ्वी लोक पर मुक्ति प्रदान करने के लिए आई हैं।

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सोनीपत: खरखौदा के छपडेश्वर धाम मंदिर में मंगलवार को चल रहे 10 दिवसीय सांग में पंडित लख्मीचंद के सुपौत्र पंडित विष्णु दत्त शर्मा द्वारा शाही लकड़हारे का दूसरा भाग का किस्सा सुनाया गया। रागनीयों के माध्यम से बताया कि जब शाही लकड़हारे की पत्नी बीना ने लालची लोभी लाल से चंदन की लकड़ीयों का हिसाब कराया तो उनके पास काफी धन हो गया।

शाही लकड़हारे के सांग में बताते हैं कि बीना अपने पति को कहती हैं कि वह गंगा स्नान के लिए जाएंगे और अपनी माताजी की अस्तियों का गंगा में विसर्जन करके दानपुण्य करेंगे। बीना अपने पति को गंगा माता की स्तुति करके बताती है कि गंगा पृथ्वी लोक पर मुक्ति प्रदान करने के लिए आई हैं। पति-पत्नी गंगा स्नान के लिए गंगा के किनारे पर पहुंचते हैं। शाही लकड़हारे की मां द्वारा बाजू पर बांधा ताबीज टूटकर  गंगा में गिर जाता है जब ताबीज को उठाता है। तब बीना पूछती है कि गंगा मैया ने आपको क्या दे दिया जो आप मुझसे छुपा रहे हो। इस ताबीज में मेरी माता पिता और स्थान का पता है। बीना ने ताबीज को पढ़ा तो शाही लकड़हारा जोधपुर के राजा जोधानाथ का पुत्र की जानकारी प्राप्त हुई। शाही लकड़हारा किस्ती लेने के लिए जाता है। तभी डाकू जालिम सिंह और विजय सिंह शाही लकड़हारे को पकड़ लेता है। गंगा के किनारे पर बीना को लकड़हारे के इंतजार में शाम हो जाती है। इसी बीच राजा जोधा नाथ घोड़े पर सवार होकर पहुंचते हैं। इसी दौरान डाकू जालिम सिंह और विजय सिंह बीना को भी अगवा करने के लिए जबरदस्ती करने लगे। राजा जोधा नाथ  बीना को डाकुओं से छुड़ाते हैं और अपने साथ जोधपुर महल में ले जाते हैं। राजा जोधा नाथ ने घोषणा की थी कि जो भी व्यक्ति शाही लकड़हारे की जीवनी के बारे में बताएगा। उसके साथ अपनी पुत्री की शादी करेगा और आधे राज्य का उत्तराधिकारी बनाएगा। शाही लकड़हारा पूरी जीवनी के बारे में बताता है। राजा जोधा नाथ को पता चलता है कि शाही लकड़हारा ही उसका पुत्र है, बीना उनकी पुत्रवधू है। शाही लकड़हारा अपने परिवार सहित महल में अपना जीवन यापन करता है। बाबा मोहन दास, जय भगवान चेयरमैन, पंडित सूर्य दत्त हुमायूंपुर, शिवकुमार भैसरू, दीपक शास्त्री, सत्यवीर शास्त्री, राजेंद्र शर्मा, नरेंद्र पाराशर, गोविंद, जसवीर,बिल्लू सैनी संदीप पाराशर आदि उपस्थित रहे।

 

 

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2 Comments
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