सोनीपत: चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान को उतारकर भारत ने रचा इतिहास
दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय,मुरथल के दीनदयाल उपाध्याय सभागार में चंद्रयान-3 की लैंडिंग का सीधा प्रसारण देखने की व्यवस्था की गई थी। विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, कर्मचारी, विद्यार्थी व शोधार्थियों ने चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग का के गवाह बने।
- चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत बना विश्व का पहला देश
- सफलतापूर्वक लैंडिंग करने वाला विश्व का पहला देश बना
- डीसीआरयूएसटी के सभागार में चंद्रयान के लैंडिंग का हुआ लाइव टेलीकास्ट
सोनीपत: दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल की कुलपति डा.अर्चना मिश्रा ने कहा कि चांद के दक्षिण ध्रुव पर सफलतापूर्वक उताकर हमारे देश ने इतिहास रच दिया है। विश्व में दक्षिण ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत विश्व का पहला देश बन गया। इसके लिए इसरो व भारतीय वैज्ञानिक बधाई के पात्र हैं।
दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय,मुरथल के दीनदयाल उपाध्याय सभागार में चंद्रयान-3 की लैंडिंग का सीधा प्रसारण देखने की व्यवस्था की गई थी। विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, कर्मचारी, विद्यार्थी व शोधार्थियों ने चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग का के गवाह बने।
कुलपति डा.मिश्रा ने कहा कि मिशन भारत की विज्ञान, तकनीक, खगोल अंतरिक्ष के क्षेत्र में बहुत ऊंची उड़ान है। पूरे विश्व की भारत की इस उड़ान पर नजर थी। इसरो ने चंद्रयान -3 की दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग कराकर विश्व में इतिहास रच दिया है। चंद्रमा पर भारत की छाप होगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने लाइव टेलीकास्ट का बंदोबस्त किया गया था, ताकि हमारे विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और शोधार्थियों को प्रेरणा मिल सके।
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