पांडू पिंडारा तीर्थ जींद: हिन्दू पूजा पद्धति में पिंड ब्रह्मा का प्रतीक: श्रीमहंत राजेश स्वरुप जी महाराज
श्री महंत राजेश स्वरुप जी महाराज ने कहा कि सोमवारी अमावस्या के पावन अवसर पर मैं सिद्ध पीठ तीर्थ पांडू पिंडारा को सबसे पहले प्रणाम करता हूं। हमोर पौराणिक ग्रंथों में बताया गया है कि काशी में वहां के जल का पुण्य है उस भूमि पर सरस्वती का अपना अलग विशेष महत्व है, कुरुक्षेत्र की भूमि का अपना महत्व है।
- श्रद्धालुओं ने पांडू पिंडारा तीर्थ पर माथा टेका, स्नान किया और पिंडदान किया
- पांडू पिंडारा में सोमवारी अमावस्या पर लगा भव्य मेला
- दानोदा के सुण्डा गर्ग परिवार ने दिया अनंत भंडारा, हजारों ने प्रसाद ग्रहण किया
पांडू पिंडारा जींद: श्री लज्जाराम आश्रम तीर्थ पांडू पिंडारा जींद के पीठाधीश्वर श्री महंत राजेश स्वरुप जी महाराज ने कहा कि हिन्दू पूजा पद्धति में पिंड को ब्रह्मा का प्रतीक मानते हैं। फाल्गुन माह की अमावस्या में श्रद्धालु यहां पांडू पिंडारा के तीर्थ पर माथा टेकते हैं, स्नान करते हैं सोमवारी अमावस्या को पिंडदान का विशेष महत्व है। पिंडदान वंशज अपने पूर्वजों के लिए करते हैं यह पूर्वजों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर है।
श्री महंत राजेश स्वरुप जी महाराज ने कहा कि सोमवारी अमावस्या के पावन अवसर पर मैं सिद्ध पीठ तीर्थ पांडू पिंडारा को सबसे पहले प्रणाम करता हूं। हमारे पौराणिक ग्रंथों में बताया गया है कि काशी में वहां के जल का पुण्य है उस भूमि पर सरस्वती का अपना अलग विशेष महत्व है, कुरुक्षेत्र की भूमि का अपना महत्व है। आकाश में, जल में और थल में पांडू पिंडारा का अपना एक विशेष महत्व है। पांडू पिंडारा तीर्थ पर आज के दिन आयोजित विशेष मेला लगता है। महाभारत युद्ध के पश्चात भीष्म पितामह ने पांडवों को बताया कि आप पिंडारा तीर्थ पर जाइए और जो भी अमर गति को प्राप्त हुए। उन सभी के पिंड दान कीजिए। उसके पश्चात पांडव यहां आए और पांडवों ने 12 साल तक सोमवारी अमावस्या का इंतजार किया। सोमवारी अमावस्या 12 साल के बाद आई तो पांडवों ने पिंडदान किये और एक श्राप भी दिया कि सोमवारी अमावस्या कलयुग में बहुत जल्दी-जल्दी आएंगी तभी से सोमवारी अमावस्या के दिन मेला भरने लगा था।
मेले में अनंत भंडारे की सेवा करने के लिए सुभाष गर्ग, प्रदीप गर्ग, विकास गर्ग, मन्नत गर्ग, सज्जन गर्ग, संजय गर्ग दनौदा के सुंडा गर्ग परिवार ने अन्नदान कर पुण्य कमाया है। श्री लज्जाराम आश्रम के ट्रस्टी शिवेन्दु भारद्वाज के नेतृत्व में प्रमोद भारद्वाज, अमन शास्त्री, राहुल भारद्वाज, आशीष शास्त्री, पवन भण्डारी, पलटु भंडारी, नरेन्द्र भारद्वाज आदि ने व्यवस्था की जिम्मेदारी को संभाला।
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