निरंकारी मिशन: प्रकृति संवाद के अंतर्गत संत निरंकारी मिशन ने निभायी अहम भूमिका

संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के लगभग 500 स्वयंसेवकों ने  सतगुरु के आशीर्वाद से नीली टी-शर्ट में सुसज्जित होकर तनमयतापूर्वक अपनी सेवाओं को निभाते हुए, इस कार्यक्रम में सम्मिलित लगभग हजारों की संख्या में व्यक्तियों को भली प्रकार से नियंत्रित किया।

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दिल्ली: सतगुरु के आदेशानुसार निरंकारी मिशन की ओर से प्रकृति को दोहन से बचाने हेतु समय-समय पर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहा है। इसी संदर्भ में गैर राजनीतिक संगठन द्वारा आज दिल्ली के रामलीला ग्राउंड में ‘प्रकृति संवाद’ कार्यक्रम का भव्य रूप में आयोजन किया गया जिसमें संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के सचिव जोगिन्दर सुखीजा एवं मेम्बर इंचार्ज राकेश मुटरेजा सहित अनेक गणमान्य अतिथि, समाज सेवक, गैर सरकारी संगठन (एन.जी.ओ.), मंत्रीगण, प्रसिद्व पत्रकारों की उपस्थिति रही।

Nirankari Mission: Sant Nirankari Mission played an important role in nature dialogue जोगिन्दर सुखीजा के नेतृत्व में निरंकारी मिशन द्वारा समाज कल्याण एवं प्राकृतिक संरक्षण हेतु चलाई गई अनेक परियोजनाओं की सम्पूर्ण जानकारी को एक पी.पी.टी. के माध्यम से दर्शाया गया। इसके साथ ही संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा एक प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसमें पर्यावरण को स्वच्छ एवं  सुंदर बनाने हेतु मिशन द्वारा चलाई जा रही अनेक अहम् परियोजनाओं जिनमें वननेस वन, अमृत प्रोजेक्ट, वृक्षारोपण अभियान, स्वच्छता अभियान, तलाशरी इत्यादि प्रमुख है जिसे देखकर सबका हृदय प्रसन्न हो उठा।

इस कार्यक्रम में अनेक वक्ताओं ने प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और पर्यावरण की रक्षा के महत्व को समझने पर चर्चाएँ करी। जिसमें संत निरंकारी मिशन की ओर से राकेश मुटरेजा ने प्राकृतिक संरक्षण पर सवांद करते हुए बाबा हरदेव सिंह जी के संदेश को दोहराते हुए कहा कि प्रदूषण केवल बाहर का ही नहीं अंदर वाला भी हानिकारक है क्योंकि जब तक हमारा अंतर्मन स्वच्छ नहीं होता तब तक हम बाहरी वातावरण भी स्वच्छ नहीं रख सकते। उन्होनें उदाहरण सहित बताया कि यह जो पंच भूत है वह हम में ही समाहित है। हम ही प्रकृति है और यह सब मुझसे और मैं इनसे निर्मित हूँ। संत निरंकारी मिशन इसी विचारधारा को प्रवाहित कर रहा है।


Nirankari Mission: Sant Nirankari Mission played an important role in nature dialogueसतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज भी अक्सर अपने विचारों में प्रकृति को अत्यधिक सुंदर बनाने हेतु यही आहृवान करते है कि हमें जो यह प्रकृति इतने सुंदर रूप में मिली है इसे हमें और अधिक सुंदर रूप में छोड़कर जाना है।

संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के लगभग 500 स्वयंसेवकों ने  सतगुरु के आशीर्वाद से नीली टी-शर्ट में सुसज्जित होकर तनमयतापूर्वक अपनी सेवाओं को निभाते हुए, इस कार्यक्रम में सम्मिलित लगभग हजारों की संख्या में व्यक्तियों को भली प्रकार से नियंत्रित किया।

Nirankari Mission: Sant Nirankari Mission played an important role in nature dialogueप्रकृति संरक्षण के अंतर्गत जल को संरक्षित करने हेतु एक बार पुनः दिनांक 25 फरवरी, 2024 को अमृत प्रोजेक्ट का आयोजन किया जायेगा इसके साथ ही समाज कल्याण हेतु दी जा रही निस्वार्थ सेवाएं भी निरंतर जारी रहेंगी।

निसंदेह इस प्रकृति संवाद एवं ऐसी अनेक परियोजनाओं का उद्देश्य हमारी धरा को स्वच्छ, सुंदर एवं निर्मल बनाना है जिसमें मिशन भी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के आह्वान पर बहुमूल्य सहयोग देते हुए अपनी एक अहम् भूमिका निभा रहा है। कार्यक्रम के समापन सत्र पर जलपान का समुचित प्रबंध संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा ही किया गया।

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