हुड्डा का डबल इंजन सरकार पर बड़ा हमला: गूंगी- बहरी सरकार के सामने ‘पोर्टल हटाओ, खेती बचाओ’ का नारा बुलंद कर रहे हैं किसान- हुड्डा

हैरानी की बात है कि हर मामले में पोर्टल सिस्टम फेल होने के बाद सरकार अब इसे खाद पर भी थोपना चाहती है। यानी जो पोर्टल व्यवस्था किसानों को एमएसपी और मुआवजे से वंचित कर रही थी, वह अब खाद से भी वंचित करने जा रही है।

Title and between image Ad
  • जो पोर्टल किसानों को MSP और मुआवजे से वंचित किया, वही अब खाद से भी वंचित कर रहा – हुड्डा
  • सिर्फ 20% किसानों को मिला नाममात्र मुआवजा, 80% आंदोलन के लिए मजबूर- हुड्डा
  • एमएसपी के लिए दर-दर भटक रहे हैं मक्का और सूरजमुखी के किसान- हुड्डा
  • मुआवजे व एमएसपी के नाम पर किसानों के साथ ‘पोर्टल-पोर्टल’ खेलना बंद करे सरकार- हुड्डा

चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि बीजेपी-जेजेपी सरकार किसानों को मुआवजा, एमएसपी और समय पर खाद देने के मामले में पूरी तरह विफल साबित हुई है। लंबे आंदोलन के बाद सरकार ने सूरजमुखी के किसानों की फसल एमएसपी पर खरीदने का वादा किया था। लेकिन खुद के वादे से मुकरते हुए सरकार ने पोर्टल ही बंद कर दिया। अब किसान अपनी फसल बेचने के लिए दर-दर भटक रहे हैं। इसी तरह 1962 रुपए एमएसपी वाली मक्का एक हजार से भी कम रेट पर पिट रही है। इससे पहले सरसों, धान और गेहूं के किसानों को भी घाटे में अपनी फसल बेचने पड़ी थी। हैरानी की बात है कि हर मामले में पोर्टल सिस्टम फेल होने के बाद सरकार अब इसे खाद पर भी थोपना चाहती है। यानी जो पोर्टल व्यवस्था किसानों को एमएसपी और मुआवजे से वंचित कर रही थी, वह अब खाद से भी वंचित करने जा रही है।

80% किसानों को मुआवजा देने से सरकार ने इनकार
मुआवजे के मुद्दे पर बोलते हुए हुड्डा ने कहा कि उन्हें जो डर था आखिरकार वहीं हुआ। बार-बार मांग किए जाने के बावजूद बीजेपी-जेजेपी सरकार ने किसानों को मुआवजा नहीं दिया। सरकार एक बार फिर जानबूझकर किसानों को आंदोलन के लिए मजबूर कर रही है। चरखी दादरी समेत प्रदेशभर के किसानों का आरोप है कि सरकार ने पिछले दिनों हुई बेमौसम बारिश से हुए नुकसान के एवज में बमुश्किल 20% किसानों को ही नाममात्र मुआवजा दिया है। 80% किसानों को मुआवजा देने से सरकार ने इनकार कर दिया। इसके लिए सरकार ने मुआवजे के लिए जानबूझकर ऐसे मानक बनाए और शर्तें थोपी, जिसके चलते 80% किसान मुआवजे की पात्रता के दायरे से बाहर हो गए।

गूंगी बहरी सरकार के सामने ‘पोर्टल हटाओ, खेती बचाओ’ का नारा लगा
पूर्व मुख्यमंत्री के पास पहुंची किसानों की शिकायतों के मुताबिक अबकी बार रबी सीजन के दौरान सर्दी के प्रकोप एवं ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों का मुआवजा लेने के लिए ऑनलाइन पोर्टल ‘क्षति पूर्ति’ पर शिकायत दर्ज कराने वाले 80% किसानों को मुआवजे से वंचित रखा गया है। जबकि पूर्व की सभी सरकारें पटवारी द्वारा तैयार की गई एपीआर स्पेशल गिरदावरी की रिपोर्ट के आधार पर किसानों को मुआवजा देती आई हैं। चरखी दादरी समेत विभिन्न जिलों के किसान उसी पद्धति से मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं और गूंगी बहरी सरकार के सामने ‘पोर्टल हटाओ, खेती बचाओ’ का नारा लगा रहे हैं।

छोटे किसान ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण ही नहीं करवाते
किसानों ने बताया है कि सरकार ने 5 एकड़ से ऊपर खेती करने वालों को समृद्ध किसान मानकर फसल खराबे का मुआवजा नहीं देने की एक नई शर्त लागू की है। इस शर्त के कारण भूमिहीन, ठेके और माल बटाई पर खेती करने वाले किसानों को भी मुआवजा नहीं मिल पा रहा। इतना ही नहीं, जिन किसानों ने खराबे से बची हुई अपनी गेहूं व सरसों इत्यादि की फसल को बेच दिया, उन किसानों को भी सरकार ने मुआवजा नहीं दिया। छोटी जोत यानी 2 एकड़ से कम पर खेती करने वाले छोटे किसान ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण ही नहीं करवाते, इसलिए उनको भी कोई मुआवजा नहीं मिला।

व्यापारियों के गोदाम में पहुंचते ही टमाटर हुआ महंगा 
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सब्जी उत्पादक किसानों की तरफ भी सरकार का ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि टमाटर जब तक किसानों के खेतों में था तब वह ₹1 से लेकर ₹5 प्रति किलो के रेट पर पिट रहा था। किसानों की लागत तक पूरी नहीं हो पाई थी। लेकिन, जैसे ही टमाटर किसान के खेत से व्यापारियों के गोदाम में पहुंचा तो 100 रुपए से प्रति किलो से ज्यादा रेट पर बिक रहा है। स्पष्ट है कि सरकार ना किसानों के अधिकारों का संरक्षण कर पा रही है और ना ही आम जनता को राहत दे पा रही है।

‘पोर्टल-पोर्टल’ खेलना बंद करे और सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद सुनिश्चित करे
नेता प्रतिपक्ष ने बीजेपी-जेजेपी सरकार को नसीहत दी है कि वो किसानों के साथ ‘पोर्टल-पोर्टल’ खेलना बंद करे और सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद सुनिश्चित करे। इसी तरह बार-बार मौसम की मार झेल रहे किसानों को समय पर उचित मुआवजा दे। प्रदेश में मौजूदा सरकार अगर ऐसा नहीं करती है तो प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर किसानों को एमएसपी की गारंटी के साथ उचित मुआवजे की व्यवस्था की जाएगी। ‘नो प्रॉफिट – नो लॉस’ के सिद्धांत पर काम करने वाली सरकारी कंपनियों द्वारा किसानों को बीमा की सुविधा दी जाएगी। क्योंकि, मौजूदा सरकार द्वारा लागू की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सिर्फ निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने का जरिया है। बीमा कंपनियां हजारों करोड का मुनाफा कूट रही हैं और किसान मुआवजे के लिए धरने-प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हैं।

Connect with us on social media
2 Comments
  1. gralion torile says

    I wish to express my appreciation to you for rescuing me from this particular setting. Right after searching through the online world and seeing techniques which were not powerful, I was thinking my life was gone. Living without the answers to the problems you have fixed by way of the blog post is a critical case, and those which might have in a negative way affected my entire career if I had not come across your site. Your ability and kindness in playing with the whole thing was valuable. I don’t know what I would have done if I had not discovered such a subject like this. It’s possible to at this point look forward to my future. Thanks a lot very much for the expert and result oriented help. I won’t be reluctant to suggest your web sites to anybody who wants and needs guidance on this situation.

  2. Its like you read my mind! You appear to know a lot about this, like you wrote the book in it or something. I think that you could do with a few pics to drive the message home a bit, but other than that, this is great blog. A fantastic read. I’ll certainly be back.

Comments are closed.