गंगा दशहरे मेला: हरियाणा की पहचान तीर्थो की धरती के रुप में है: मदन मोहन

उन्होंने कहा कि हरियाणा को एक और नई पहचान गीता की धरती के रुप में। कुरुक्षेत्र में लड़ाई तो हुई लेकिन उस लड़ाई से हमें जो अनमोल रतन प्राप्त हुए उसके नाम से कुरुक्षेत्र की पहचान हो ऐसा कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ने पूज्य संतों के साथ मिलकर बनाया।

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  • सतकुंभा तीर्थ पौराणिक अलौकिक और दिव्य है: पीठाधीश्वर राजेश स्वरुप

गन्नौर: कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा गंगा दशहरे मंगलवार को कहा कि हरियाणा की एग्रीकल्चर से पहचान थी, फिर चर्चा खिलाड़ियों और वीरों के रुप में हुई। लेकिन जब से केंद्र में और हरियाणा में भाजपा की सरकार आई है तब से हरियाणा को तीर्थो की धरती कहा जाने लगा है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा को एक और नई पहचान गीता की धरती के रुप में। कुरुक्षेत्र में लड़ाई तो हुई लेकिन उस लड़ाई से हमें जो अनमोल रतन प्राप्त हुए उसके नाम से कुरुक्षेत्र की पहचान हो ऐसा कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ने पूज्य संतों के साथ मिलकर बनाया। गीता के जो पहले दो शब्द हैं धर्म क्षेत्र कुरुक्षेत्र किस धर्म क्षेत्र कुरुक्षेत्र में धर्म की विजय होनी चाहिए। यह पहला काम था जो भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र के इस पावन धरा को चुना। मदन मोहन छाबड़ा ने कहा कि हम हरियाणा के उन तीर्थों का चयन कर रहे हैं। जिनका उल्लेख ग्रंथों में है या उनका कहीं भी उल्लेख है।उनकी सूची हम सिद्ध पीठ सतकुंभा तीर्थ का विकास करवाने के लिए हरियाणा सरकार से आग्रह करेंगे। यह प्रार्थना मै मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और महामहिम राज्यपाल के समक्ष रखूंगा।

सिद्धपीठ तीर्थ सतकुंभा धाम के पीठाधीश्वर श्रीमहंत राजेश स्वरूप जी महाराज ने कहा कि सर्व सिद्धि पर्दे सतकुम्भा सतकुंभा तीर्थ पौराणिक अलौकिक और दिव्य है। गंगा दशहरे कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के सचिव मदन मोहन छाबड़ा का सभी की ओर से स्वागत करते हैं। भारत के 68 तीर्थ में शामिल सिद्ध पीठ तीर्थ सतकुंभा धाम पर पौराणिक है इस इसका उल्लेख ग्रंथों में मिलता है कि यहां रावण अपने राज्य से कर देने के लिए आया करता था। खेड़ी गुज्जर में सिद्धपीठ तीर्थ सतकुंभा धाम चार दिशाओं का संगम है। हर वर्ग का व्यक्ति रविवार को सतकुंभा धाम पर स्नान करने आता है। पूर्णमासी को स्नान के लिए सतकुंभा धाम पर स्नान का खास महत्व है।

वैज्ञानिक डा. हरजीत लंदन से मनिंद्र सन्नी, खेड़ी गुज्जर सरपंच जगबीर छौक्कर, खिजर पुर अहीर से माेनू यादव बिलंदपुर सरपंच महिपाल गौतम, सेठपाल छौक्कर, प्रबंधक सूरज शास्त्री, ब्रह्मपाल छौक्कर ने झंडे जल की झबील की सेवा जबकि सिद्ध पीठ सतकुंभा धाम की ओर से आने हजारों श्रद्धालुओं के लिए अनंत भंडारा लगाया। यज्ञ में पवन शास्त्री, अनिल, आचार्य अमन शर्मा, सत्यवान महाराज, सोमबीर शास्त्री ने हवन में सेवा की। बजरंग दल खेड़ी गुज्जर के सदस्य, मास्टर कृष्ण चंद शर्मा ने व्यवस्था में सेवा की।

 फोटो में देखिये गंगा दशहरे पर सतकुंभा धाम में स्नान

Ganga Dussehra Mela: Haryana is known as the land of pilgrimages: Madan Mohan
गंगा दशहरे पर स्नान करते श्रद्धालु।
Ganga Dussehra Mela: Haryana is known as the land of pilgrimages: Madan Mohan
गंगा दशहरे पर अपनी कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा को पगड़ी पहनकर स्वागत करते हुए।
Ganga Dussehra Mela: Haryana is known as the land of pilgrimages: Madan Mohan
पीठाधीश्वर श्रीमहंत राजेश स्वरुप जी महाराज।
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कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा को गंगा दशहरे पर सतकुंभा तीर्थ के सरोवर पर पूजा के बाद प्रबंधक सूरज शास्त्री तिलक करते हुए।
Ganga Dussehra Mela: Haryana is known as the land of pilgrimages: Madan Mohan
कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा गंगा दशहरे पर सतकुंभा तीर्थ के सरोवर पर पूजा के बाद पीठाधीश्वर श्रीमहंत राजेश स्वरुप के साथ चर्चा करते हुए।
Ganga Dussehra Mela: Haryana is known as the land of pilgrimages: Madan Mohan
कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा गंगा दशहरे पर सतकुंभा तीर्थ के सरोवर पर पूजा के बाद पीठाधीश्वर श्रीमहंत राजेश स्वरुप के साथ चर्चा करते हुए।
Ganga Dussehra Mela: Haryana is known as the land of pilgrimages: Madan Mohan
गंगा दशहरे पर अपनी सेवाएं देते पवन शास्त्री और आचार्य अमन शर्मा।

 

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1 Comment
  1. gralion torile says

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