किसान आंदोलन 2.0: किसान आंदोलन से सोनीपत रोडवेज काे आर्थिक नुकसान 7 लाख प्रतिदिन
आंदोलन लगातार चलने से प्रतिदिन यह आर्थिक नुकसान और बढेगा। अलग-अलग रास्ते बंद होने के चलते किलोमीटर बढ़ गए हैं। सवारी प्रतिशत कम हो गया है। गंतव्य स्थान पर पहुंचने में समय भी ज्यादा लगता है। जिसके चलते अब रोडवेज काफी घाटे में चल रही है। ऐसे में बसों में जाने को लेकर सवारी दिलचस्पी कम ले रही हैं।
- लागत बढी है आय घटी है
- किसान आंदोलन में 71 लाख रुपये तक का नुकसान रोडवेज को हो चुका है
- प्रतिदिन सोनीपत रोडवेज डिपो में 12 लाख के कैश तक पहुंचता था
सोनीपत, 22 फरवरी (नरेंद्र शर्मा परवाना): किसान आंदोलन के चलते पिछले लंबे समय से सभी बॉर्डर सील हैं। ऐसे में सोनीपत कुंडली सिंघु बॉर्डर पर सात लेयर की सुरक्षा किलाबंदी की गई है। बॉर्डर सील होने से हरियाणा रोडवेज सोनीपत डिपो की बसों में सवारी प्रतिशत घटकर 40 से नीचे आ गया है। इससे प्रतिदिन 7 लाख रुपये का आर्थिक नुकसान हो रहा है। भारतबंद वाले दिन यह नुकासान एक दिन का लगभग 10 लाख रुपए का हुआ था अभी तक लगभग 71 लाख तक का नुकसान रोडवेज को हो चुका है।
आंदोलन लगातार चलने से प्रतिदिन यह आर्थिक नुकसान और बढेगा। अलग-अलग रास्ते बंद होने के चलते किलोमीटर बढ़ गए हैं। सवारी प्रतिशत कम हो गया है। गंतव्य स्थान पर पहुंचने में समय भी ज्यादा लगता है। जिसके चलते अब रोडवेज काफी घाटे में चल रही है। ऐसे में बसों में जाने को लेकर सवारी दिलचस्पी कम ले रही हैं।
सोनीपत से चंडीगढ़ की तरफ जाने वाली गाड़ी का आने जाने में 100 किलोमीटर अतिरिक्त बढ़ गया है। वहीं बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों का प्रतिशत 100 से घटकर 40 प्रतिशत हो गया है। वहीं बसें ज्यादा घूम कर जा रही हैं तो ऐसे में सवारी की संख्या काफी कम हो गई है। जयपुर राजस्थान की तरफ जाने वाली सभी बसें दिल्ली से होकर गुजरती थी। वहीं दिल्ली की तरफ जाने वाले रास्ते भी दो दिन पहले ही दोबारा खोले गए हैं। रोडवेज बस अब लामपुर बॉर्डर से होकर निकलती हैं। वहीं चंडीगढ़ के लिए करीबन 20 बसें प्रतिदिन निकलती हैं। राजस्थान और जयपुर के लिए भी करीबन 18 से 20 बस निकलती हैं और दोनों ही बड़े रूट अब प्रभावित हो गए हैं।
बस स्टैंड सोनीपत के अधिकारी सुरेंद्र दुग्गल ने बताया कि आंदोलन के शुरुआत होने से पहले प्रतिदिन लगभग 12 लाख रुपए का रेवेन्यू सोनीपत रोडवेज को मिलता था। जिसके चलते रोडवेज सोनीपत डिपो काफी प्रभावित हो गया है। प्रतिदिन लगभग 7 लाख रुपए का आर्थिक नुकसान हो रहा है। अब प्रतिदिन कैश साढ़े चार लाख रुपए पर आकर सिमट गया है।
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