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Mulk Raj Akash

मुल्क राज आकाश की कलम से: उच्च शिखर पर वहीं पहुंचते जिनके काम महान है

उच्च शिखर पर वहीं पहुंचते जिनके काम महान है इसके पीछे मत पूछो तुम अनगिनत बलिदान हैं कितने ही संघर्षों से विजय श्री को पाया है इच्छाओं की कुर्बानी देकर फिर यह नाम कमाया है ऐसे ही लोगों का होता हर दिल में सम्मान है पहली पंक्ति के श्रेष्ठ…
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मुल्क राज आकाश की कलम से: सौगात

मुल्क राज आकाश की कलम से सौगात जिसके सिर पर तेरा ही हाथ है यह तेरी मेहर की ही तो बात है 1... जिसे ना पूछता कोई भी जमाने में नाम शोहरत है अब जमाने में अपना कुछ नहीं यह तेरी ही सौगात है 2... गरीब नवाज हे तु हमदर्द गम खार हे तु…
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मुल्क राज आकाश की कलम से : सर्दी के मौसम में भाई बाहर निकलना संभल संभल

सर्दी सर्दी के मौसम में भाई बाहर निकलना संभल संभल ऊनी कपड़े पहन के रखना और पहनना तुम कंबल इस मौसम में सूरज बाबा, कमजोर हो जाते हैं चंदा मामा चिढ़ा चिढ़ा कर इठलाते मुस्काते हैं मौज है रहती खाने की और मिलता है दूध बादाम गाजर का…
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