Browsing Tag

Hard work cries water

कवि अशोक शर्मा की कलम से: मेहनत रो पाणी

मेहनत रो पाणी रात बीजळ कड़की ही ,हिंय में सांसा अटकी ही पाळ बांधण वाला रे ,आज हिवड़े में बात लटकी ही घणे हैत सूं घणे कोड सु, हळ ने जद मैं जोतयो हो फसल कोणी हिंय री कोर समझी,पाणी कम पसीणे सूं सींची ही रात बिजळ... रात देखी ना दिन…
Read More...