Browsing Tag

future generations

दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: चिन्ता करता हूं भावी पिडीयों की

चिन्ता करता हूं भावी पिडीयों की ............................................. पीड़ाएं मेरी पर्वत सी हो गई अब ये पिगलनी चाहिए एक नदी हिमालय से सुखे प्यासे राजस्थान के लिए अब अवश्य निकलनी चाहिए खेत जमीन बहुत है मेरे पास पानी बिन ऊगा…
Read More...

कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से : चिन्ता करता हूं भावी पीढ़ियों की

नई दिल्ली: पुणे में हुए जांगिड ब्राह्मण समाज के विश्वकर्मा मंदिर के हाँल के पडाल में महासभा का महा मेळावा (पांच जिलो का स्नेह मिलन समारोह) में कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों ने एक अनोखी कविता जो राजस्थान में पानी की कमी के चलते केन्द्रीय…
Read More...