कामयाबी के कदम: ऐसा पहली बार हुआ इंग्लैंड में हरियाणा से गए मां बेटा एक साथ काउंसलर बने

हरियाणा प्रदेश के तुषार कुमार का काउंसलर बनना कई मायनों में महत्वपूर्ण है सबसे पहला तो यह कि वह सबसे कम उम्र का काउंसर अपने निर्वाचन क्षेत्र का बना है, दूसरा यह है कि वह और उसकी मां दोनों मां बेटे एक साथ काउंसलर चुने गए हैं।

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  • पहली बार चुनाव लड़े ओर सबसे कम उम्र के काउंसर बने तुषार कुमार  

सोनीपत: यूके इंग्लैंड में चुनाव परिणाम, एलस्ट्री एंड बोरहैमवुड टाउन काउंसिल 2023 के परिणाम लेबर पार्टी के प्रत्याशी तुषार कुमार के पक्ष में आए और उनको 832 वोट के साथ विजेता घोषित कर दिया गया। इससे पहले तुषार कुमार की मां परवीन रानी भी बतौर काउंसलर चुनी गई है। भारत के हरियाणा प्रदेश से इग्लैंड में मां-बेटे एक साथ काउंसलर बने यह पहली बार हुआ है।

हरियाणा प्रदेश के तुषार कुमार का काउंसलर बनना कई मायनों में महत्वपूर्ण है सबसे पहला तो यह कि वह सबसे कम उम्र का काउंसर अपने निर्वाचन क्षेत्र का बना है, दूसरा यह है कि वह और उसकी मां दोनों मां बेटे एक साथ काउंसलर चुने गए हैं। तीसरा यह कि वह भारत मूल का विधार्थी वहां पर पढा और वहीं पहली बार चुनाव लड़ा इसके साथ ही पहली बार में ही उसने जीत दर्ज की है। हरियाणा के तुषार कुमार का जन्म 11-09-2002 को हुआ, किंग्स कॉलेज लंदन यूनिवर्सिटी से बीएससी पॉलिटिक्स का वह अभी द्वितीय वर्ष का छात्र हे।  मुल रुप से रोहतक शहर का रहने वाला है, तुषार का ननिहाल सोनीपत में है।

Steps to success: This happened for the first time in England, mother and son from Haryana became counselor together
सोनीपत: परवीन रानी के पिता आंमप्रकाश मलिक, मां रामरती को बधाई देने आए रितेश मलिक, श्याम सुन्दर रोहिल्ला, मुर्ति, कमलेश, गौतम, सूरज प्रकाश आदि मिठाई खाते हुए।

ननिहाल में खुशी की लहर है दूसरे दिन भी मिठाई बांटी जा रही है। बधाई देने वालों को तांता लगा हुआ है। तुषार के नाना ओमप्रकाश मलिक का कहना है कि उनके पिता जी आर्य समाज को मानने वाले थे लेकिन लड़कियों को आगे पढाने से गुरेज करते थे। मैने आर्मी की सर्विस बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा, बेटी और बेटे तीनों को बराबर पढाया, बेटी को एमए करवाई यहीं हिन्दू स्कूल में बच्चों को पढाना शुरु किया। ध्यौता तुषार और बेटी परवीन रानी यूके इग्लैंड में जाकर काउंसलर बने बच्चों की जीत पर तो सभी को खुशी होती है, लेकिन मुझे गर्व है कि अपने बच्चों को पढाया तो उन्होंने सार्थकता दे दी। मेरी तपष्या पूरी हो गई।

तुषार कुमार की नानी रामरति कहती हैं कि समाज में बेटे-बेटी में कोई भेद नहीं, मेरी बेटी परवीन इसका साक्षात उदाहरण है कि आज बेटी ने सात समुंदर पार जाकर हमारा नाम ऊंचा किया है, अपने देश का मान बढाया है। इनके यहां पर भाई विजय मलिक, रितेश मलिक, श्याम सुन्दर रोहिल्ला, मुर्ति, कमलेश, गौतम, संत निरंकारी सेवादल सोनीपत के संचालक सूरज प्रकाश आदि इस मौके पर उपस्थित रहे और उन्होंने अपनी खुशी प्रकट की।

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