हरियाणा में बढ़ते हाथ के कदम:शाहाबाद के 42 मौजूदा सरपंचों ने एकसाथ थामा कांग्रेस का दामन

इस मौके पर हुड्डा ने ऐलान किया कि कांग्रेस सरकार बनने पर ई-टेंडरिंग को खत्म किया जाएगा और पंचायतों को उनके अधिकार वापस दिए जाएंगे। साथ ही गांव के विकास कार्यों के लिए पंचायतों की ग्रांट में इजाफा किया जाएगा।

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  • कहा- गांवों की सरकार पंचायतों को खत्म करना चाहती है बीजेपी-जेजेपी
  • पूरे प्रदेश के पंच, सरपंच और पंचायतें कांग्रेस के साथ, सरकार बनना तय- सरपंच
  • कांग्रेस सरकार बनते ही खत्म करेंगे ई-टेंडरिंग, पंचायतों की बढ़ेगी ग्रांट- हुड्डा

चंडीगढ़: शाहाबाद के 42 मौजूदा सरपंचों ने आज एक साथ हरियाणा कांग्रेस का दामन थामा। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सभी सरपंचों को कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करवाई। इस मौके पर राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी खासतौर पर मौजूद रहे। सरपंचों ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी तमाम लोकतांत्रिक संस्थाओं व मूल्यों की बलि दे रही है। ई-टेंडरिंग जैसी व्यवस्थाओं को लागू करके सरकार गांवों की सरकार यानी पंचायतों के अधिकारों पर सीधा कुठाराघात कर रही है। पूरे हरियाणा में सरकार के इस तानाशाही रवैये के प्रति भयंकर रोष है। प्रदेश भऱ के पंच, सरपंच और पंचायतें पूरी तरह कांग्रेस के साथ हैं।

सरपंचों ने कांग्रेस की नीतियों और भूपेंद्र सिंह हुड्डा व चौधरी उदयभान के नेतृत्व के प्रति आस्था व्यक्त की। भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा ने सभी सरपंचों का पार्टी में स्वागत किया और उन्हें उचित मान-सम्मान का भरोसा दिलाया। इस मौके पर हुड्डा ने ऐलान किया कि कांग्रेस सरकार बनने पर ई-टेंडरिंग को खत्म किया जाएगा और पंचायतों को उनके अधिकार वापस दिए जाएंगे। साथ ही गांव के विकास कार्यों के लिए पंचायतों की ग्रांट में इजाफा किया जाएगा। क्योंकि गांव के विकास के बिना प्रदेश और देश का विकास नहीं हो सकता। हरियाणा में कांग्रेस का कुनबा लगातार विस्तार लेता जा रहा है। अब तक लगभग 30 पूर्व विधायक और सैकड़ों पंच, सरपंच, पूर्व सरपंच, पार्षद व पूर्व पार्षद कांग्रेस का दमन थाम चुके हैं। बीजेपी और जेजेपी छोड़कर नेता व कार्यकर्ता कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि प्रदेश में कांग्रेस की जबरदस्त लहर चल रही है।

आज विक्रम सिंह (सरपंच,अटवान), रिंकू बैरागी (सरपंच,बीबीपुर), जसविन्द्र सैनी (सरपंच, बजगांव), रजत कुमार (सरपंच, हबाना), श्याम लांबा (सरपंच, रत्नगढ़), मदन लाल सैनी (सरपंच, सुरखपुर), अशोक शर्मा (सरपंच, टिगरी), नरेंद्र मलिक (सरपंच, बढ़ाम), मोहन शर्मा (सरपंच, रावल खेड़ी), राभा कश्यप (सरपंच, बकाना), मिन्टू बाल्मिकी (सरपंच,रामनगर), हरमित ढिल्लों (सरपंच,मोहनपुर), अमरजीत कम्बोज (सरपंच, मामुमाजरा), रमेश चंद (सरपंच, मदूदा), रविन्द्र (सरपंच,जोगीमाजरा), बलजीत कौर (सरपंच, दाऊमाजरा), चंद्रभान (सरपंच, खेड़ा),सतीश कुमार (सरपंच, सम्भालखी),गुरुमीत सिंह (सरपंच, संतोखपुरा), रिंकु कुमार (सरपंच,कत्लारी), कृष्ण कुमार (सरपंच,अहमदपुर), कुलबीर जैलदार (सरपंच,लंडी), प्रमेचंद (सरपंच, यारा),याद्विन्द्र सिंह (सरपंच, हल्देहड़ी), ओमप्रकाश (सरपंच, कलसाना), सुखवंत सिंह (सरपंच, गोरीपुर), शीशपाल (सरपंच, चढूनी जटान), नरेंद्र सिंह (सरपंच, ढाढलू), साहब सिंह (सरपंच, जैनपुर), अवतार सिंह (सरपंच, बखड़माजरा), बलविन्द्र सिंह (सरपंच, ठोल), रामजश (सरपंच,थडोली), रामकरण (सरपंच, डल्लामाजरा), सतेंद्र सिंह (सरपंच, माजरी कलां), सतीश सैनी (सरपंच, सैनी माजरा), रणजीत सिंह (सरपंच, पाढ्लू), सरबजीत सिंह (सरपंच, नगला), सतनाम सिंह (सरपंच, मदनपुर), तरशेम सिंह (सरपंच, संतोखपुरा), सुंदर सिंह (सरपंच, सिंदढ़)आदि अपने कार्यकर्ताओं और सैंकड़ों ग्रामीणों के साथ कांग्रेस में शामिल हुए।

 

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