सोनीपत: किसान मशरूम की खेती से सफल किसान, उद्यमी बनें: डॉ भूवनेश विजय
केंद्र निदेशक डॉ अजय सिंह ने बताया कि हजारों प्रतिभागी यहां से ट्रेनिंग लेकर सफल उद्यमी बन चुके हैं। युवा सरकारी नौकरी की बजाए सफल उद्यमी बनें। दूसरों के लिए भी रोजगार के अवसर सृजित करें।
सोनीपत: महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल के क्षेत्रीय मशरूम अनुसंधान केंद्र मुरथल में एमएचयू कुलपति विजयेन्द्र कुमार के निर्देशन में पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के तीसरे दिन गुरुवार को किसानों को बटन मशरूम की तकनीकी खेती के बारे में जानकारी दी। मशरूम अनुसंधान निदेशालय सोलन के सेवानिवृत्त प्रधान वैज्ञानिक डॉ भूवनेश विजय ने किया। मंच संचालन डॉ हरजोत सिंह ने किया।
पूर्व प्रधान वैज्ञानिक डॉ भूवनेश ने प्रदेशभर से आए प्रतिभागियों से कहा कि किसान भाई परंपरागत खेती करने की बजाए अगर मशरूम की खेती करना शुरू करें तो उन्हें ज्यादा मुनाफा होगा। मशरूम की खेती कैसे करें, किस समय में कौन-कौन सी मशरूम लगाएं, कितनी जगह में लगाएं आदि सभी जानकारियां मशरूम की ट्रेनिंग के दौरान लेनी चाहिए। मशरूम अनुसंधान केंद्र मुरथल में तो मशरूम सहित अन्य सभी बागवानी खेती के बारे में लगातार प्रशिक्षण कार्यशालाएं चलती हैं। किसान, उद्यमी इसका लाभ ले रहे हैं।
पूर्व प्रधान वैज्ञानिक ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान जानें कि जिनके पास ज्यादा जमीन नहीं है वे कमरों में भी मशरूम की खेती शुरू कर सकते हैं। केंद्र निदेशक डॉ अजय सिंह ने बताया कि हजारों प्रतिभागी यहां से ट्रेनिंग लेकर सफल उद्यमी बन चुके हैं। युवा सरकारी नौकरी की बजाए सफल उद्यमी बनें। दूसरों के लिए भी रोजगार के अवसर सृजित करें।
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