सोनीपत: ऋषि और कृषि से है भारत की पहचान: स्वामी सरस्वती

स्वामी दयानंद सरस्वती ने कहा कि भारतवर्ष दो बातों से जाना जाता हैं, एक है ऋषि, दूसरा है कृषि। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में आगे बढऩे की अपार संभावनाएं है। उम्मीद है कि प्रतिभागियों ने पांच दिवसीय कार्यशाला में पूरा ज्ञान हासिल किया हैं, जिसे वे कृषि के क्षेत्र में लगाएंगे, जिससे देश आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि देश का किसान खुशहाल होगा तो तो देश आगे बढ़ेगा। प्रतिभागियों को प्रशिक्षण हासिल कर कृषि को ओर बढ़ाना हैं।

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सोनीपत: महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल के क्षेत्रीय मशरूम अनुसंधान केंद्र मुरथल में मशरूम उत्पादन प्रसंस्करण व विपणन विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का प्रशिक्षण शिविर में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए करीब 36 प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि स्वामी दयानंद सरस्वती ने रविवार को सर्टिफिकेट प्रदान किये।

स्वामी दयानंद सरस्वती ने कहा कि भारतवर्ष दो बातों से जाना जाता हैं, एक है ऋषि, दूसरा है कृषि। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में आगे बढऩे की अपार संभावनाएं है। उम्मीद है कि प्रतिभागियों ने पांच दिवसीय कार्यशाला में पूरा ज्ञान हासिल किया हैं, जिसे वे कृषि के क्षेत्र में लगाएंगे, जिससे देश आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि देश का किसान खुशहाल होगा तो तो देश आगे बढ़ेगा। प्रतिभागियों को प्रशिक्षण हासिल कर कृषि को ओर बढ़ाना हैं।

क्षेत्रीय मशरूम अनुसंधान निदेशक डॉ. अजय सिंह ने प्रतिभागियों को बताया कि मशरूम की खेती कर युवा, किसान, महिलाएं सफल उद्यमी बनी हैं अपनी आय को अन्य फसलों के मुकाबले तीन गुणा बढ़ा रही हैं। मशरूम की खेती कम जमीन में भी की जा सकती हैं, प्रशिक्षण लेकर काफी बेहतर परिणाम आते हैं। एमएचयू द्वारा नि:शुल्क प्रशिक्षण उपलब्ध करवाया जाता हैं, एमएचयू द्वारा बागवानी के अंतर्गत आने वाली विभिन्न फसलों के बारे में प्रशिक्षण प्राप्त करें, जो आय को बढ़ाने में सहायक होगा। मंच संचालन डॉ. हरजोत सिंह ने किया। डॉ. मुनीष कुमार सहयोगी रहे।

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