माँ को समर्पित कविता: माँ तुझे सलाम माँ तुझे प्रणाम: डीएसपी यशपाल सिंह खटाना
समसू बोहरा भगवती के घर समसपुर में जन्म लिया। और रामपाल को बांधी राखी भाई का था लाड किया।
दमदमा के लोगों से यह हमने सुनी कहानी थी।
डीएसपी यशपाल की माता दयावती नूरानी थी।
समसू बोहरा भगवती के घर समसपुर में जन्म लिया।
और रामपाल को बांधी राखी भाई का था लाड किया।
मांगे पूरी होती उनकी जो इनके घर में आ जाता
इनके घर पर आने वाला सारी खुशियां पा जाता।
समसपुर के लोग बताते यह इन की रीत पुरानी थी।
दमदमा के लोगों से …
समसपुर की दयावती से जब दमदमा के जगदेव मिले।
दो हृदय मिले, दो वंश मिले, महके चमन में फूल खिले।
जगपाल और यशपाल रुप में बेटों का धन पाया था।
सुमन सतनम गीता इन कन्याओं ने मान बढाया था।
जगदेव और दयावती की यह सबको याद जुबानी थी।
दमदमा के लोगों से …
दयावती जब आई घर में श्रद्धा समर्पण न्यारा था।
सरपंच जेठ धर्मपाल और कर्नल जयदेव प्यारा था।
मूछों पर दे ताव लालजी यो बोल्या करते नारा था।
आओ मिलके चालैं सारे, ना उसनै कोई कपारा था।
लालजी-बतूनी जगत में ज्यों दरिया की रवानी थी
दमदमा के लोगों से …
सत्य समर्पण ज्ञान के सूरज भीम विनोद दामाद मिले।
ओमलता सुदेश के घर में संस्कारों से संस्कार खिले।
जितेंद्र-मीनू, समीर-अंजलि ने वंश का ऊंचा नाम किया।
यश खटाना सौरभ खटाना ने नई उम्मीद का राग दिया।
वंश का मान बढाने वाली बस ऐसी जोश जवानी थी।
दमदमा के लोगों से …..
हे दिव्य भव्य माता मेरी तुझे हम फूल यह अर्पित करते हैं।
नरेंद्र शर्मा परवाना की कविता के शब्द समर्पित करते हैं।
तेरे नूर से रोशन हों मां दसों दिशा और धरा गगन।
तेरी शिक्षा की खुशबू से सदा रहे महकते तेरे चमन।
यह जननी यह सुखदायिनी माता दयावती वरदानी थी।
दमदमा के लोगों से …..
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