दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: 50 बर्ष पेला मैं दैखीया बडैरा ने बैलगाड़ी लकड़ी री बणावता….

एक मारवाड़ी कवि करे बैलगाड़ी रा वखाण 👌 जद करु वात बैलगाड़ी री तो ऐ छुट्टा भाग उण रा याद गणा आवै सा.... ⬇

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50 बर्ष पेला मैं दैखीया बडैरा ने
बैलगाड़ी लकड़ी री बणावता….
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एक मारवाड़ी कवि करे बैलगाड़ी रा वखाण 👌
जद करु वात बैलगाड़ी री तो ऐ छुट्टा भाग उण रा याद गणा आवै सा…. ⬇

 

ठाट्टो, उद, जऊड़ो, खील्ली, हाल्लीयां, थाट्टा रा आड़ा घातरा और पाटीया ऊपर सू जड़ दी पाती, फोपळीया करे जोड़ण रो करे काम मजबूत…..
पेड़ा बणीया नाड़ में लगाया पारियां पिसी मेती रो बारीक आटा ने पाणी में भिजाय कपड़ो सफेद लिपटाकर चिटकाए ऊपर पाल्डा रे लगाया पाती ऊपर पीतळ री फुलड़ी दीनी लगाया, फेव्हीकाँल कौनी थो उण जमाना में उण रे कारणे पाल्डा मेती रे आटा ने पाणी में भिजोई कपड़ो सुती लपैट पारियां संग दीया फिट बिठाई, पाल्डा ऊपर देशी बावळीया री पुटी रे कर वेस गुन्दी रा पाचर टाईट उल्टा बसूला री पांच पांच जोर की चोट देकर दिया बिठाई……..साथे पातीयों सू पिंजणी जड़ी ऊपर सू पीतळ री फुलड़ी दी लगाई , पिजणी पासळ में छह ओनी लोकण री कोमड़ी मे दिनी लटकाए,आगळ हुती बंधणा रो नेत्रों रो बंध लगाई……
बैलगाड़ी रे नीचे दो ऊदो रे बीच भातो मेलणने भंडारीयो (टूल्स बाँक्स) याद राके बणावता
उदो ने तेल पिलाया चमड़ो रो वाद दियो बंधाय, आ गणा दिन बैलगाड़ी टिकावण री बडैरों री सोच समझ री थी वात……
जितरो ध्यान पड़ीयो उतरो लिखियो बाकी नई काढोला भूल चूक…… रहियोड़ी अधूरी वात आप पूरी लिख दिरावजो सा……
राम राम सा 🙏🙏

जय श्री विश्वकर्मा जी री सा
लेखक कवि दलीचंद जांगिड सातारा महाराष्ट्र
मो:- 9421215933

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