एशियन गेम्स 2023: एशियन गेम्स में पहलवान सुनील ने कांस्य पदक जीता

गांव डबरपुर के सरपंच सुनील सीला ने बताया कि अच्छा पहलवान है पदक जीतने पर पूरे गांव में खुशी का माहौल है। गांव का कोई भी बालक जब विदेश में जाकर देश का नाम रोशन करता है तो यह पूरे गांव के लिए खुशी की बात होती है।

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  • जिला सोनीपत में खंड गन्नौर के गांव डबरपुर में खुशी का माहौल है
  • सुनील ने 87 किलोग्राम भारवर्ग में देश का प्रतिनिधित्व करते हुए कांस्य पदक जीता
  • खरखौदा और गन्नौर दोनों जगहों पर खुशी का माहौल

सोनीपत: हरियाणा के पहलवानों का दबदबा एक बार फिर दिखाई दिया जिला सोनीपत में खंड गन्नौर के गांव डबरपुर के पहलवान सुनील ने चीन के हांगझोऊ में चल रहे एशियन गेम्स में 87 किलोग्राम भारवर्ग में देश का प्रतिनिधित्व करते हुए कांस्य पदक जीता है। गन्नौर और खरखौदा में खुशी का माहौल है।

गांव डबरपुर के सरपंच सुनील सीला ने बताया कि अच्छा पहलवान है पदक जीतने पर पूरे गांव में खुशी का माहौल है। गांव का कोई भी बालक जब विदेश में जाकर देश का नाम रोशन करता है तो यह पूरे गांव के लिए खुशी की बात होती है। सुनील बहुत अच्छा पहलवान है। हम सभी यहां खुशी में मिठाई बांट रहे हैं। जब हमारा लाडला स्वदेश वापस आएगा तो शानदार तरीके से उसका स्वागत करेंगे।

डबरपुर निवासी नितिन मलिक ने बताया कि उसके भाई सुनील को पदक मिला है हम सभी और ग्रामीण खेल प्रेमी खुशी में जश्न मना रहे हैं। इससे पहले वह इसी वर्ष रोमानिया कप में गोल्ड, अप्रैल में कजाकिस्तान के अस्ताना में हुई सीनियर एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। दिल्ली में वर्ष 2020 में हुई सीनियर एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण जीता था।

सुनील मलिक की मां अनीता देवी ने कहा है कि मां की ममता का आंचल बेटे के साथ रहता है जब बेटे के पदक जीतने की जानकारी उसे मिली तो बहुत खुशी हुई। अपने बेटे के लिए चुरमा बनाकर खिलाऊंगी। हम तो खेत क्यार में काम करने वाले हैं। सुनील जब पांचवी में 10 साल का रहा होगा उसने मिट्‌टी के अखाड़े में जाना शुरु कर दिया था। सबसे पहले निडानी में उसने कुश्ती के दांव पेंच सीखने शुरु किए थे। सुनील ने खरखौदा के प्रताप अकादमी में कुश्ती का प्रशिक्षण लिया, रोहतक में मेहर सिंह अखाड़े में कुश्ती की तैयारी की। वर्ष 2018 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक, 2019 में हुई विश्व रैंकिंग सीरीज में रजत व वर्ष 2019 में हुई सीनियर एशियन चैंपियनशिप में रजत पदक जीते हैं। एक दशक से पहले सुनील मलिक के पिता अश्वनी मलिक का निधन हो चुका है। वह दिल्ली एमसीडी में कार्यरत थे। उनके निधन के बाद सुनील मलिक के बड़े भाई सुमित मलिक ने परिवार की जिम्मेदारी को संभाला है। सुनील के छोटे भाई नितिन भारतीय नौ सेना हैं।

 

 

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