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poet Prakash Chand Jangid “Pidwa” Pali

कवि प्रकाश चन्द जांगिड़ “पिड़वा” पाली की मारवाड़ी कविता: हाचि-हाचि केऊ

हाचि-हाचि केऊ ने मौज में रेउ, छापाक ऊना-ऊना देउ, निंदा करे नाजोगा, ने के करे गाँव रा बोगा, ओपोरे तो मस्त रेणों ने नी करणी फालतू री देणों, करणीया करणी करे, वे तो उँदा-उँदा इज मरे, नेकी माते हालणियो, एडा कोम ने रोम ऊ डरे,…
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कवि प्रकाश चन्द जांगिड़ “पिड़वा” पाली की कलम से: अक्षय तृतीया के अवसर पर विशेष

अक्षय तृतीया के अवसर पर विशेष आज कोई करणों खूब दान पुण्य करणों, पुण्य रो मटकों भरणो। मानव हित रो कोम करणों, की नी वे तो मोन धरणो। आज रा अबूझ मोरत वे, उजाळा चारों खुट वे। खरीदना गाबा ने गेणा, परा उतरे मत ला लेणा। वडेरो री सेवा…
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