भक्ति और विश्वास
भक्ति में भाव की विशेष महत्ता है ।भाव उत्तम नहीं तो भक्ति भी श्रेष्ठ नहीं,फिर वह भक्ति का आडम्बर मात्र है । दिखावा है कि लोग कहें कि यह बहुत बड़ा भक्त है ।हमेशा भक्ति में लीन रहता है। इससे इतना सा ही लाभ है कि लोगों की नज़र में भक्त…
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