सोनीपत: मिट्टी में मेहनत कर सैय्याखेड़ा का पहलवान सागर बना भारत केसरीः वीरेंद्र कादियान
सागर का कहना है कि मेरे पिता जगबीर उर्फ काला कुश्ती खेेलते थे, अब खेतीबाड़ी करते है। पिता की प्रेरणा पाकर वह आगे बढ़ रहा है। पिता जगबीर ने कहा कि बेटा सागर कड़ी मेहनत कर रहा है, ताकि देश के लिए खेलें।
- अभी तो शुरूआत है मैं और बेहतर प्रदर्शन करके दिखाउंगाः पहलवान सागर
गन्नौर, (अजीत कुमार): सैय्याखेड़ा के पहलवान सागर के भारत केसरी बनने पर सोमवार को गांव में सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बतौर मुख्यातिथि मन्नत गु्रप ऑफ होटल्स एमडी एवं समाजसेवी वीरेंद्र कादियान के अलावा ग्रामीणों ने पहलवान सागर का माला पहनाकर जोरदार स्वागत कर उसके उज्जवल भविष्य की कामना की।
मुख्यातिथि वीरेंद्र कादियान ने कहा कि कुश्ती मिट्टी से जुड़ा खेल है। जो खिलाड़ी जितनी अधिक मेहनत करता है उसकी प्रतिभा में उतना निखार आता है। ये सागर पहलवान ने साबित कर दिखाया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण आंचल में खेल प्रतिभाओं को आगे लेकर आने के लिए प्रयास करने चाहिए, युवा खेल से जुड़ेगा तो समाज तरक्की की होगी।
पानीपत के गांव कुराड़ में 5 अप्रैल को आयोजित दंगल स्पर्धा में पहलवान सागर ने 125 किलोग्राम में पंजाब के जितेंद्र को पटखनी देकर भारत केसरी के टाइटल को अपने नाम किया था। भारत केसरी बनने पर पहलवान सागर ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि अभी तो शुरूआत है मैं और बेहतर प्रदर्शन करके दिखाउंगा। मैं जब यहां आया तब ही पूरी उम्मीद थी कि खिताब में ही जीतूंगा।
सागर का कहना है कि मेरे पिता जगबीर उर्फ काला कुश्ती खेेलते थे, अब खेतीबाड़ी करते है। पिता की प्रेरणा पाकर वह आगे बढ़ रहा है। पिता जगबीर ने कहा कि बेटा सागर कड़ी मेहनत कर रहा है, ताकि देश के लिए खेलें। इस अवसर पर जीत पहलवान, अत्तर सिंह, राजबीर सिंह, काला, जोगेंद्र, रणधीर, सुरेश कुमार, राजेंद्र आदि मौजूद रहे।
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