सोनीपत: सब्जी मंडी के आढ़तियों पर एकमुस्त मार्केट फीस के खिलाफ पूरे प्रदेश में रोष

आढ़तियों का कहना है कि पहले एक प्रतिशत मार्केट फीस और एक प्रतिशत एचआरडीएफ़ फीस लगती थी जिसमें सरकार को ज्यादा फीस नहीं मिलने और मार्केट कमेटी के अधिकारियों द्वारा आढ़तियो को बार-बार परेशान करने के कारण एक मुस्त मार्केट फीस तय करने की मांग रखी गई थी।

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  • झिंझोली पहुंचे कृषि मंत्री जेपी दलाल को आढतियों ने ज्ञापन सौंपा

सोनीपत (अजीत कुमार): सब्जी मंडी के आढ़तियों पर एकमुस्त मार्केट फीस के विसंगतियों के खिलाफ पूरे प्रदेश में रोष प्रकट कर रहे आढ़तियों ने विधायक मोहन लाल बड़ौली, मुख्यमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन के साथ मिलकर शनिवार को गांव झिंझोली पहुंचे कृषि मंत्री जेपी दलाल को ज्ञापन सौंपा जिसमें पहले की तरह मार्केट फीस पूरी तरह हटाने की मांग की है।

आढ़तियों का कहना है कि पहले एक प्रतिशत मार्केट फीस और एक प्रतिशत एचआरडीएफ़ फीस लगती थी जिसमें सरकार को ज्यादा फीस नहीं मिलने और मार्केट कमेटी के अधिकारियों द्वारा आढ़तियो को बार-बार परेशान करने के कारण एक मुस्त मार्केट फीस तय करने की मांग रखी गई थी। सरकार ने एक मुश्त फ़ीस की मांग तो मान ली परंतु 2022 में भरी गई फ़ीस को आधार मानते हुए 40 प्रतिशत से ज़्यादा बढ़ोतरी कर दी जो नाजायज़ है।

आढ़तियों ने बताया कि 2014 से 2020 तक मार्केट फ़ीस माफ़ थी परंतु 2020 में कोरोना काल के दौरान मार्केट फ़ीस लागू कर दी गई। आढ़तियों ने बताया कि आढ़तियों पर स्लैब अनुसार साढ़े बारह हजार रुपये से लेकर लगभग सात लाख रुपये तक सालाना मार्केट फ़ीस लगा दी गई है जो किसी भी तरह न्याय संगत नहीं है। सरकार इस निर्णय पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करे अन्यथा अनाज मंडियां पूरी तरह से बंद हो जाएंगी।

राजीव जैन ने कृषि मंत्री से कहा कि मंडी के बाहर सब्ज़ी ख़रीदने बेचने पर कोई फ़ीस नहीं है इसलिए मार्केट फ़ीस के स्लैब को ठीक किया जाए अन्यथा सारे आढ़ती मंडी के अंदर की बजाय बाहर व्यापार करने लगेंगे। उन्होंने कहा कि मार्केट फ़ीस एडवांस लेने की बजाय तिमाही आधार पर ली जाए तो उचित रहेगा। कृषि मंत्री ने कहा कि वह जल्द ही अधिकारियों को बुलाकर इस संबंध में बातचीत करेंगे। ज्ञापन देने में इंद्र गुप्ता, मनोज शर्मा, विनोद सैनी समेत कई आढ़ती शामिल थे।

 

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