सोनीपत: प्राकृतिक संसाधनों का हमें करना चाहिए संरक्षण : कुलपति प्रो.अनायत

कुलपति प्रो.राजेंद्रकुमार अनायत ने डा.प्रवीण को बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि हमें कोई भी रिसर्च करते समय इस बात का ध्यान रखना है कि वह प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करें। अनुसंधान मानव जीवन के उत्थान, सरल व सहज बनाने को लेकर होना चाहिए।

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  • डा. प्रवीण को मिला आऊट स्टैंडिंग कंक्रीट टेक्नोलॉजिस्ट का अवार्ड

सोनीपत: दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय,मुरथल के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के अस्सिटेंट प्रोफेसर डा. प्रवीण द्वारा विकसित की गई तकनीक से कंक्रीट बनाते समय कार्बन का उत्सर्जन लगभग 15 प्रतिशत कम होगा। भवन में ऊर्जा का संरक्षण होगा तथा भवन निर्माण की लागत में कमी आएगी। उन्हें प्रतिष्ठित आऊट स्टैंडिंग कंक्रीट टेक्नोलॉजिस्ट का अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

कुलपति प्रो.राजेंद्रकुमार अनायत ने डा.प्रवीण को बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि हमें कोई भी रिसर्च करते समय इस बात का ध्यान रखना है कि वह प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करें। अनुसंधान मानव जीवन के उत्थान, सरल व सहज बनाने को लेकर होना चाहिए। डीसीआरयूएसटी, मुरथल में डा. प्रवीण सिविल इंजीनियरिंग विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर सेवारत हैं। डा. प्रवीण के शोध पत्र प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय जर्नलस में प्रकाशित हो चुके हैं।

डा. प्रवीण ने जियो पॉलीमर कंक्रीट पर शोध किया था। डा. प्रवीण ने इसके अतिरिक्त अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ भी मिलकर आधारभूत ढांचा में शोध किया है। प्रदेश में स्ट्रक्चरल डिजाइन में डा. प्रवीण का नाम प्रतिष्ठित सिविल इंजीनियर में शामिल हैं। डा. प्रवीण प्रदेश सरकार द्वारा प्रारंभ किए गए अनेक पायलट प्रोजेक्ट में भी कार्यरत हैं। इंडियन कंक्रीट इंस्टीट्यूट व अल्ट्राटेक सिमेंट ने मिलकर आऊट स्टैंडिंग कंक्रीट टेक्नोलॉजिस्ट का अवार्ड से सम्मानित किया।

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