December 8, 2025

कवि दलीचंद जांगिड़ की कलम से: ईश्वर का निवास स्थान कहां है ?

From the pen of poet Dalichand Jangid: Where is the abode of God?

कवि दलीचंद जांगिड़

जिसने कभी सत्संग नहीं सुनी होगी, नहीं शास्त्रों का अध्यन किया होगा और कभी किसी आध्यात्मिक ज्ञान के जानकारों के बीच बैठकर ईश्वर प्राप्ति के बारे में चर्चा सत्र में भाग लिया हो, ऐसे मनुष्य के दिमाग में यह विचार आना स्वभाविक ही है कि ईश्वर का निवास स्थान कहां होगा और वे कैसे दिखते होंगे और वे हम मनुष्य पर दया और कल्याण कैसे करते होंगे….? इस प्रकार की मन में शंका वाले उर्वरित प्रश्न जरुर जन्म लेते है।

ऐसे अज्ञान मनुष्य जब किसी गुरु की चरण में जाता है तब आगे (दूर दृष्टि) की समज दिखाई पड़ती है और ईश्वर प्राप्ति के साधनों (ईश्वर उपासना) से परिचित होते ही ध्यान में आता है कि ईश्वर सर्वत्र कण कण में सर्वव्यापी ही है। गुरुजी अपने शिष्यों को शास्त्रात् करते हुए अर्थ इस प्रकार समजाते है कि……यह एक दार्शनिक और आध्यात्मिक प्रश्न है! हिंदू धर्म और अन्य भारतीय धर्मों में यह माना जाता है कि ईश्वर का निवास स्थान हर जगह है, यानी वे सर्वव्यापी हैं।

इस पोस्ट के संदर्भ में, यह कहा जा रहा है कि जिस घर में भाई-बहनों में प्रेम और बड़ों का आदर-सम्मान होता है, वहां ईश्वर का निवास होता है। यानी, परिवार में प्रेम, सम्मान और सौहार्द होने से ईश्वर की उपस्थिति महसूस की जा सकती है। यह एक सुंदर विचार है जो परिवार के महत्व और रिश्तों की पवित्रता पर जोर देता है।

जय श्री ब्रह्म ऋषि अंगिरा जी की

 

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *