इंडिगो में क्रू की भारी कमी, चौथे दिन भी 391 फ्लाइट्स रद्द; देशभर में यात्रियों की परेशानी बढ़ी
दिल्ली एयरपोर्ट पर सैकड़ों यात्रियों ने बुधवार-गुरुवार की रात फ्लाइट का इंतजार करते हुए गुजारी।
नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो लगातार चौथे दिन क्रू मेंबर्स की कमी से जूझ रही है। शुक्रवार सुबह 10 बजे तक दिल्ली, बेंगलुरु, पुणे और हैदराबाद समेत कई बड़े शहरों में कुल 391 उड़ानें रद्द हो चुकी थीं। इनमें सबसे ज्यादा प्रभावित दिल्ली रहा, जहां 225 फ्लाइट्स रद्द की गईं। बेंगलुरु में 102, पुणे और हैदराबाद में 32-32 उड़ानें रद्द हुईं। बड़े पैमाने पर कैंसिलेशन और देरी के चलते हजारों यात्रियों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। कई लोग 20 से 24 घंटे तक एयरपोर्ट पर फंसे हुए हैं। यात्रियों का कहना है कि न तो उन्हें समय पर जानकारी मिल रही है और न ही एयरलाइन मदद कर रही है।
गोवा एयरपोर्ट पर एक यात्री ने बताया कि सुबह 5 बजे से इंतजार कर रहे हैं और एयरपोर्ट पहुंचकर पता चला कि फ्लाइट रद्द हो चुकी है। न कोई मैसेज आया और न मेल। अहमदाबाद से वाराणसी जाने वाले यात्री ने बताया कि फ्लाइट रद्द होने के बाद अब तक उनका सामान भी नहीं मिला है। दूसरी ओर, कई यात्रियों ने शिकायत की कि दूसरी एयरलाइंस ने किराया दोगुना कर दिया है, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं। जो लोग कनेक्टिंग फ्लाइट से जुड़े थे, उनकी onward यात्राएं भी प्रभावित हो गईं।
इधर, इंडिगो ने DGCA से फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों में 2026 तक छूट मांगी है। एयरलाइन का कहना है कि नए नियमों के कारण पायलट और क्रू के लिए उड़ान समय कम हो गया है, जिसके चलते अचानक स्टाफ की कमी पड़ गई है। DGCA के नए नियमों के अनुसार रात की लैंडिंग कम कर दी गई हैं, रोजाना उड़ान भरने का समय घटाकर 8 घंटे कर दिया गया है और क्रू को 24 घंटे में 10 घंटे अनिवार्य आराम देना होता है। DGCA के मुताबिक, नवंबर में इंडिगो की कुल 1,232 उड़ानें रद्द हुईं, जिनमें 755 सिर्फ FDTL नियमों के चलते थीं।
नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने स्थिति पर नाराजगी जताते हुए इंडिगो को जल्द समस्या हल करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि एयरलाइन को यात्रियों को होटल, खाना और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करानी होंगी और किराए में बढ़ोतरी नहीं की जानी चाहिए। इंडिगो के पास देश में सबसे ज्यादा 434 विमान हैं और रोजाना 2,300 उड़ानें ऑपरेट होती हैं। इसकी घरेलू उड़ानों में हिस्सेदारी 60% से अधिक है, इसलिए संचालन में थोड़ी भी गड़बड़ी हजारों यात्रियों को प्रभावित कर देती है।
क्रू की यह कमी पिछले महीने से लगातार बढ़ रही है और यदि स्थिति जल्द नहीं सुधरी तो एयर ट्रैवल पर इसका बड़ा असर पड़ सकता है।
