हरियाणा खेल मॉडल वैश्विक नेतृत्व का बनेगा आधार: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी
सोनीपत: मुख्यमंत्री नायब सैनी को खेल विश्वविद्यालय राई के कुलपति अशोक कुमार स्मृति चिह्न देते हुए।
- भारतीय मॉडल के चार आधार -आधुनिकता, मानसिकता, प्रबंधन और नैतिक मूल्य
- आधुनिक खेल प्रबंधन का भारतीय मॉडल कॉन्फ़्रेंस में मुख्यमंत्री ने की शिरकत
सोनीपत। हरियाणा खेल विश्वविद्यालय राई में शुक्रवार को आधुनिक खेल प्रबंधन का भारतीय मॉडल विषय पर दो दिवसीय सम्मेलन में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा खेल मॉडल वैश्विक नेतृत्व का आधार बनेगा। खेल अब केवल प्रतिस्पर्धा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह रोजगार, अनुसंधान, नवाचार और विज्ञान-प्रौद्योगिकी आधारित एक बड़े क्षेत्र के रूप में विकसित हो चुका है। देशभर से आए शिक्षाविदों, विशेषज्ञों और खेल प्रबंधन से जुड़े प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सम्मेलन भारत के खेल भविष्य के लिए एक मजबूत मार्गदर्शिका तैयार करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य की ओर अग्रसर है और इस यात्रा में खेलों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। हरियाणा ने देश को अनेक अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी दिए हैं जिन्होंने ओलंपिक, एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स और विश्वविद्यालय खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर देश का मान बढ़ाया है। खेल प्रबंधन का भारतीयकरण केवल प्रतीकात्मक परिवर्तन नहीं है, बल्कि भारतीय मूल्यों, पारंपरिक खेल संस्कृति और वैज्ञानिक प्रबंधन के समन्वय से एक मजबूत मॉडल तैयार करना है। उन्होंने भारतीय मॉडल के चार आधार बताए-आधुनिकता, मानसिकता, प्रबंधन और नैतिक मूल्य। मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य का खेल जगत आँकड़ा आधारित, तकनीक समर्थित और विज्ञान आधारित होगा, इसलिए भारतीय परिस्थितियों के अनुरूप प्रबंधन ढांचे का विकास अत्यावश्यक है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले 11 वर्षों में राज्य सरकार खेल क्षेत्र में 989 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश कर चुकी है। वर्तमान वित्त वर्ष में 589 करोड़ 69 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। राज्य में 3 राज्य स्तरीय खेल परिसर, 21 जिला स्तरीय स्टेडियम, 163 राजीव गांधी ग्रामीण खेल परिसर, 245 ग्रामीण स्टेडियम, 382 इनडोर जिम, 10 तैराकी तालाब, 11 सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक, 14 हॉकी एस्ट्रोटर्फ, 2 फुटबॉल सिंथेटिक सतह और 9 बहुउद्देशीय हॉल बनाए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि खेल विश्वविद्यालय, प्रशिक्षण केंद्र और आधुनिक स्टेडियमों का नेटवर्क गांव-गांव तक पहुंचाया जा रहा है। वर्तमान में राज्य में 1,489 खेल नर्सरियां संचालित हो रही हैं जिनमें 37,225 खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं। प्रत्येक जिले में हाई परफॉर्मेंस सेंटर और पंचायत स्तर पर मिनी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स स्थापित किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय खेल तकनीकों को आधुनिक खेल बाज़ार से जोड़कर देश एक विशिष्ट भारतीय खेल ब्रांड विकसित कर सकता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वैज्ञानिक प्रशिक्षण और आधुनिक प्रबंधन के साथ भारतीय खिलाड़ी 2026 और 2028 के ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री प्रसाद महानकर ने सम्मेलन के उद्देश्य और कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह मंच खेलों में नवाचार को बढ़ावा देगा। हरियाणा खेल विश्वविद्यालय के कुलपति व पूर्व डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय भारतीय संस्कृति और आधुनिक खेल-विज्ञान के संयोजन पर कार्य कर रहा है और स्थापना के बाद से कई उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं।
इस मौके पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली, राई से विधायक कृष्णा गहलावत, सोनीपत से विधायक निखिल मदान, विधायक पवन खरखौदा, मेयर राजीव जैन, ओलंपियन पहलवान योगेश्वर दत्त, भाजपा जिलाध्यक्ष सोनीपत अशोक भारद्वाज, भाजपा जिलाध्यक्ष गोहाना बिजेन्द्र मलिक, गन्नौर मार्केट कमेटी के चेयरमैन निशांत छौक्कर, पुलिस आयुक्त ममता सिंह, उपायुक्त सुशील सारवान, एसडीएम सुभाष चंद्र आदि उपस्थित रहे।
