November 9, 2025

चरित्र, अनुशासन और समाजसेवा ही सच्ची डिग्री: उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन

Character, discipline and social service are the true degrees: Vice President CP Radhakrishnan

सोनीपत एसआरएम यूनिवर्सिटी दिल्ली-एनसीआर, सोनीपत के तृतीय दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन

सोनीपत, अजीत कुमार। एसआरएम विश्वविद्यालय दिल्ली-एनसीआर, सोनीपत का तृतीय दीक्षांत समारोह शुक्रवार को गरिमामय वातावरण में सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि भारत के उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने स्नातक, परास्नातक व शोधार्थी विद्यार्थियों को उपाधियाँ प्रदान कर समाज के प्रति उत्तरदायित्व निभाने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल ज्ञान नहीं, बल्कि नैतिक आचरण, अनुशासन और समाजसेवा का संस्कार है। डिग्री जीवन का अंत नहीं, नई यात्रा की शुरुआत है। असफलताओं से सीखना और सफलता में समाजहित को सर्वोपरि रखना ही सच्चा ज्ञान है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लागू नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने शिक्षा को लचीला, बहुविषयी और अनुसंधानमुखी बनाया है, जिससे विद्यार्थी अपनी रुचि के अनुसार विषय चुन सकते हैं और आत्मनिर्भर बन सकते हैं।

उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति व जनजाति विद्यार्थियों का नामांकन 2018 के 15 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 27 प्रतिशत हो गया है, जबकि महिलाओं की भागीदारी 24.5 प्रतिशत से बढ़कर 28.1 प्रतिशत हुई है। ग्रामीण विद्यार्थियों की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज हुई है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा वंचित वर्गों को समान अवसर देने की दिशा में जारी दिशा-निर्देश समावेशी भारत, सशक्त भारत की दिशा में सार्थक कदम हैं।

उन्होंने कहा कि भारत के विश्वविद्यालय अब विश्व स्तर पर पहचान बना रहे हैं। 2016 में मात्र 21 भारतीय विश्वविद्यालय विश्व रैंकिंग में थे, जो अब बढ़कर 54 हो गए हैं। यह शिक्षा की गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धी क्षमता का प्रमाण है। विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि तकनीकी ज्ञान से अधिक महत्त्वपूर्ण चरित्र, मूल्य और संतुलन हैं। जब स्वास्थ्य खोता है, तो कुछ खोता है; धन खोता है, तो बहुत कुछ नहीं खोता; पर जब चरित्र खोता है, तो सब कुछ खो जाता है।

समारोह की शुरुआत शैक्षणिक शोभायात्रा और राष्ट्रगान से हुई। कुलपति प्रो. परमजीत सिंह जसवाल ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। चांसलर डॉ. रवि पचमुथु ने दीक्षांत की घोषणा की। 25 शोधार्थियों को पीएच.डी. उपाधियाँ और दो विशिष्ट व्यक्तित्वों प्रो. अच्युत सामंत तथा उद्योगपति एस.के.एम. मायलानंधन को मानद उपाधियां प्रदान की गईं। समारोह में विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पवार, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बडौली आदि उपस्थित रहे।

 

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