November 8, 2025

आखरी स्वांस तक चारों ने निभाई दोस्ती गंगा स्नान की यात्रा के दौरान मौत

All four maintained their friendship till their last breath. They died during a trip to bathe in the Ganga.

सोनीपत मृतक साहिल, विवेक, परमजीत अशीर्ष के फाइल फोटो घटना पर क्षतिग्रस्त कार। 

सोनीपत, अजीत कुमार। सोनीपत के बरोदा गांव से हरिद्वार गंगा स्नान के लिए निकले चार युवकों की जिंदगी शुक्रवार देर रात एक भीषण सड़क हादसे में हमेशा के लिए थम गई। पानीपत-खटीमा राजमार्ग पर शामली जिले के बुटराड़ा फ्लाईओवर के पास उनकी तेज रफ्तार स्विफ्ट कार एक विश्रामगृह के बाहर खड़े कैंटर से टकरा गई। टक्कर से कार का अगला हिस्सा चकनाचूर हो गया, जबकि कैंटर के पहिए उखड़ गए। मौके पर पहुंचे लोगों ने पुलिस को सूचना दी, लेकिन चारों युवकों की घटनास्थल पर ही मौत हो चुकी थी। पुलिस ने कड़ी मेहनत से शवों को कार से निकाला और जिला अस्पताल में अंत्यपरीक्षण के लिए भेजा।

हादसे ने चार परिवारों को उजाड़ दिया। मृतकों में से तीन अपने परिवारों के इकलौते पुत्र थे, जिनके सपने और जिम्मेदारियां अब अधर में लटक गई हैं। परमजीत (24 वर्ष) की अगले दिन यानी 9 नवंबर को राजस्थान में बारात जानी थी। वह बीए पास कर खेतीबाड़ी में लगा था। उसके पिता आनंद का पहले ही निधन हो चुका था, और वह दो विवाहित बहनों का इकलौता भाई था। रिश्ता तय होने के बाद वह खुशी से गंगा स्नान का प्लान बनाकर निकला था, लेकिन किस्मत ने सब कुछ छीन लिया। परिवार का रोना-धोना देखकर गांव में मातम छाया हुआ है।

साहिल (22 वर्ष) मोई माजरी के डाकघर में नौकरी करता था। वह भी परिवार का इकलौता पुत्र था। बारहवीं पास करने के तीन साल बाद नौकरी मिली थी, और फरवरी 2024 में उसकी शादी हुई थी। साहिल अपने दादा अर्जुन सिंह की कार से निकला था। उसके पिता सुनील खेतीबाड़ी करते हैं। शुक्रवार को ही वह अपनी पत्नी सरिता को उसके मायके बजाना से लाकर लौटा था, लेकिन बाहर से हरिद्वार के लिए रवाना हो गया। अब उसकी युवा पत्नी और परिवार सदमे में हैं, जिन्हें साहिल की जिम्मेदारी निभानी थी।

आशीष (24 वर्ष) दो बहनों का इकलौता भाई था। बीए पास कर वह खेतीबाड़ी में हाथ बंटाता था और अविवाहित था। उसकी एक बहन विवाहित है, जबकि दूसरी ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई कर रही है, जो हादसे की खबर सुनकर रविवार को घर पहुंचेगी। आशीष के बचपन में ही पिता मेहरचंद का निधन हो गया था। उसकी शादी 4 दिसंबर को तय थी, लेकिन अब परिवार की खुशियां मातम में बदल गई हैं। गांव वाले बताते हैं कि आशीष बहुत जिम्मेदार था, और उसकी मौत ने पूरे परिवार को तोड़ दिया।

विवेक (21 वर्ष) कॉलेज में बीए की पढ़ाई कर रहा था। उसके एक बड़ा भाई है, और पिता बलराज किसान हैं। विवेक अविवाहित था और गंगा स्नान का प्लान उसी ने बनाया था, जिस पर बाकी तीनों दोस्त राजी हो गए। वह परिवार का छोटा बेटा था, जिसके सपने अभी शुरू ही हुए थे। अब उसके परिवार में सन्नाटा पसरा है।

पुलिस जांच में कार से शराब की बोतलें मिली हैं, जिससे आशंका है कि युवक नशे में हो सकते थे। थाना प्रभारी राहुल सिसौदिया ने बताया कि कार नंबर एचआर09के-8004 से परिजनों की पहचान की गई और उन्हें सूचना दी गई। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है, साथ ही परिजनों से पूछताछ जारी है। यह हादसा तेज रफ्तार और लापरवाही का नतीजा लगता है, जो चार युवा जिंदगियों को लील गया। गांव बरोदा में शोक की लहर है, जहां ये चारों बचपन के दोस्त थे। उनके परिवार अब एक-दूसरे को संभालने की कोशिश कर रहे हैं।

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